कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस की सांसद और अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती ने खुलासा किया कि वह टीकाकरण शिविर नकली था और उसी में उन्होंने भी टीका लगवाया था। एक व्यक्ति जिसने कथित तौर पर आईएएस अधिकारी होने का नाटक किया और कोलकाता में हजारों लोगों के टीकाकरण की निगरानी की। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। शिविर में सैकड़ों लोगों को दी गई वैक्सीन असली थी या नहीं, इस सवाल के बीच फर्जी टीकाकरण शिविर मामले की जांच की जा रही है।
टीका लगवाने के बाद जब मिमी चक्रवर्ती को कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली तो उन्होंने पुलिस से इसकी शिकायत की। दक्षिण कोलकाता में गिरफ्तार शख्स देबंजन देव द्वारा आयोजित टीकाकरण शिविर में अभिनेत्री से राजनेता बनीं मिमी चक्रवर्ती बतौर मुख्य अतिथि के रूप में गई थीं और खुद भी टीका लगवाया था। चक्रवर्ती ने कहा कि उन्होंने लोगों को खुद को टीका लगाने के लिए प्रोत्साहित करने और वायरस के प्रसार को रोकने में मदद करने के लिए वैक्सीन लगवाई। रिपोर्ट में कहा गया है कि शिविर में लगभग 250 लोगों को टीका लगाया गया था।
कैसे हुआ फर्जी टीकाकरण का खुलासा
मिमी चक्रवर्ती ने बताया, 'कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद जब मुझे कोई मैसेज नहीं आया तो वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के बारे में सवाल किया। इसके बाद मुझे बताया गया कि यह अगले 3-4 दिन में मिल जाएगा। तब मुझे शक हुआ। इसके बाद मैंने टीकाकरण रुकवाया और पुलिस को सूचना दी।'
फर्जी टीकाकरण अभियान में कैसे फंसीं मिमी चक्रवर्ती
टीएमसी सांसद मिमी चक्रवर्ती ने कहा, 'उन्हें एक टीकाकरण कैंप के लिए इनवाइट किया गया और बताया गया कि कोलकाता म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के जॉइंट कमिश्नर की ओर से ट्रांसजेंडर्स और विकलांगों के लिए मुफ्त टीकाकरण कैंप लगाया जा रहा है।' उन्होंने आगे बताया, 'खुद को आईएस अफसर बताने वाले शख्स ने मुझसे इस कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की ताकि दूसरे लोग टीका लगवाने को प्रेरित हों। इसके बाद मैं भी वहीं गई और लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए टीका लगवाया।'