Pradhan Mantri Awas Yojana
रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत छत्तीसगढ़ को 8,46,931 आवासों की स्वीकृति केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा दी गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। वहीं श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने वंचित श्रमिकों को आवास योजना में शामिल करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत श्रमिकों को शामिल करने से सामाजिक न्याय सुनिश्चित होगा और जीवनयापन में आसानी को बढ़ावा मिलेगा।
CG को 8 लाख से ज्यादा आवासों की स्वीकृति
छत्तीसगढ़ राज्य को आज भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 8,46,931 आवासों की स्वीकृति मिली है। इसमें एसईसीसी 2011 की सूची के अनुसार 6,99,331 आवास और आवास प्लस सूची के अनुसार 1,47,600 आवास शामिल हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बड़ी संख्या में आवास की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हार्दिक आभार व्यक्त किया है। इसके लिए उन्होंने ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी धन्यवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत यह स्वीकृति छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस योजना के तहत लाखों परिवारों को अपने घर का सपना साकार होगा, जिससे उनके जीवन में स्थिरता और सुरक्षा का भाव उत्पन्न होगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गरीब और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ को प्राप्त यह आवास की स्वीकृति हमारे राज्य के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी।
वंचित श्रमिकों को भी आवास योजना में किया जाएगा शामिल
देश भर में वंचित श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने वंचित श्रमिकों को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) का लाभ देने की पहल की है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा सभी राज्य सरकारों को एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें प्रवासी श्रमिकों, भवन निर्माण श्रमिकों, बीड़ी श्रमिकों, सिनेमा श्रमिकों, गैर-कोयला खदान श्रमिकों, संविदा श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के अन्य श्रमिकों को आवास योजना के तहत शामिल करने का आग्रह किया गया है।
यह निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पीएमएवाई के कार्यान्वयन को वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक अतिरिक्त पांच वर्षों के लिए बढ़ाने की मंजूरी के बाद लिया गया है, जिसका उद्देश्य पात्र लाभार्थियों को 2 करोड़ अतिरिक्त घर उपलब्ध कराना है। यह पहल आर्थिक रूप से कमजोर श्रमिकों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए है।
मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया है कि ये श्रमिक समाज के वंचित वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं और पीएमएवाई के तहत उनका कवरेज सुनिश्चित करना न केवल सामाजिक न्याय से संबंधित है, बल्कि उनके जीवनयापन की स्थितियों में सुधार की दिशा में एक आवश्यक कदम भी है।
श्रमिकों के कल्याण के लिए पूरी तरह से संचालित एमआईएस पोर्टल
इसके अलावा, मंत्रालय ने घोषणा की है कि भवन एवं निर्माण तथा प्रवासी श्रमिकों के लिए 21 अगस्त 2024 को शुरू किया गया प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) पोर्टल अब पूरी तरह से संचालन में है।
इस पोर्टल को विभिन्न केंद्रीय और राज्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, जैसे बीमा, स्वास्थ्य लाभ और आवास योजनाओं के तहत निधि उपयोग और श्रमिकों के कवरेज की जानकारी सहित डेटा के संग्रह और विश्लेषण की सुविधा के लिए डिज़ाइन किया गया है।
केंद्रीकृत डेटा प्रबंधन प्रणाली, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को जानकारी आधारित निर्णय लेने और इन वंचित श्रमिकों की जरूरतों के अनुरूप प्रभावी कल्याणकारी नीतियां विकसित करने में सक्षम बनाएगी।
श्रमिक उत्थान के लिए सहयोगात्मक प्रयास
इन वंचित श्रमिकों के उत्थान की दिशा में ठोस प्रयास के महत्व को दोहराते हुए, मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों में पदस्थापित कल्याण आयुक्तों को इन पहलों के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया है।
29 अगस्त से 4 अक्टूबर, 2024 के बीच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा की जा रही क्षेत्रीय बैठकों की एक श्रृंखला में इस पहल पर अनुवर्ती कार्रवाई की जा रही है।
इस कदम से लाखों श्रमिकों के जीवन में उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है, जिससे उन्हें आवास और सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलना सुनिश्चित होगा, जिनके वे हकदार हैं।