लखनऊ। एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश के एटा जिले में कोरोना टीका लगवाने के लिए जिला महिला अस्पताल लाकर एक आशा कार्यकर्ता ने 45 साल के दिव्यांग युवक की कथित तौर पर नसबंदी करा दी। नसबंदी की सूचना में दिव्यांग के परिवार में हड़कंप मच गया। पीड़ित के भाई ने आरोपी आशा कार्यकर्ता के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
सीएमओ ने कहा कि पूरे घटनाक्रम में आशा कार्यकर्ता की कोई गलती नहीं पाई गई है। युवक की भाभी ने आशा को गुमराह किया था और नसबंदी कराने के लिए ले जाने को कहा था। पीड़ित के भाई अशोक कुमार ने पुलिस में शिकायत देकर कहा है कि उसके भाई ध्रुव कुमार को आशा नीलम देवी घर से कोरोना का टीका लगवाने को कहकर महिला अस्पताल ले गई और वहां उसे बताए बगैर उसकी नसबंदी करा दी। पीड़ित जिले के अवागढ़ थाना क्षेत्र ग्राम वशुनपुर का रहने वाला है।
मुख्य चिकित्साधिकारी उमेश त्रिपाठी ने बताया कि इस प्रकरण की हमने अपर मुख्य चिकित्साधिकारी सुधीर मोहन से जांच कराई और एक टीम ने संबंधित गांव का दौरा भी किया। लेकिन, वहां पीड़ित से मुलाकात नहीं हुई है। इस्पेक्टर ने बताया कि गांव विशनपुर निवासी अशोक कुमार ने थाने में एक तहरीर दी है। इसमें उसने आशा कार्यकर्ता पर आरोप लगाया कि वह उसके भाई ध्रुव को टीका लगवाने को कहकर ले गई और उसकी नसबंदी करा दी और आशा कार्यकर्ता ने उसे 3500 रुपये देने का झांसा भी दिया था। इस्पेक्टर ने बताया कि पीड़ित युवक अभी अविवाहित है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है और मामले की जांच की जा रही है।