बिजली का बड़ा संकट: महंगा होगा मोबाइल-लैपटाप…पड़ोसी देश ने बिजली की कमी पूरी करने के लिए कई देशों में भेजे जाने वाले सामान पर लगाई रोक,मोबाइल और एसेसरीज के रेट में अभी से वृद्धि, कई और आइटम होंगे प्रभावित……

डेस्क : चीन इस वक्त गंभीर बिजली संकट से जूझ रहा है। इसका असर चीनी नागरिकों के साथ-साथ दुनियाभर में दिखाई देने लगा है। चीन में बिजली संकट के कारण आईफोन से लेकर दूध और रोजमर्रा के सामान की भारी कमी होने लगी है। चीन के कई इलाकों में दूध, शक्कर, सोयाबीन, पशुओं का चारा तक नहीं मिल पा रहा है। इसे लेकर अर्थशास्त्रियों ने चिंता जाहिर की है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि बिजली संकट के कारण चीन में जरूरी खाद्य वस्तुओं तक का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से जरूरी सामानों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं।दरअसल, चीन ने ऑस्ट्रेलियाई कोयले के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो दुनिया के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। चीन में दो तिहाई से अधिक बिजली का उत्पादन कोयले से किया जाता है और चीन उस कोयले की डिमांड को पूरा करने के लिए अब रूस, द. अफ्रीका और एशियाई देशों से महंगा कोयला खरीदने के लिए मजबूर है।

 

 

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भोजनः खाद्य सामग्रियों की कीमतें बढ़ गई हैं। मक्का, सोयाबिन, मूंगफली से लेकर कपास की फसलों पर संकट गहराने की चिंता जताई जा रही है। बिजली नहीं होने के कारण दूध व अन्य खाद्य सामग्रियों की प्रोसेसिंग नहीं हो पा रही है।

टेक्नोलॉजीः इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल और टेक्नोलॉजी से जुड़े सामान चीन में बनते हैं। ये सारे ठप पड़े हैं। फोन व ऑटो मोबाइल कंपनियों के पास चिप नहीं पहुंच पा रहे हैं। इससे मोबाइल, लैपटॉप, कारें, कम्प्यूटर सभी प्रभावित हो सकती हैं।

कागजः ऊर्जा संकट के कारण कागज की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। पहले से ही कागज की कमी है। अक्टूबर में 15 फीसदी तक कमी के आसार हैं।

 

अर्थशास्त्रियों को चिंता है कि चीन में मक्का, सोयाबीन, मूंगफली से लेकर कपास तक की फसलों पर संकट गहरा सकता है। इससे महंगाई बढ़ सकती है। इसके अलावा बिजली संयंत्र बंद होने से दूध समेत जरूरी खाद्य सामग्रियों की प्रोसेसिंग नहीं हो पा रही है। इससे इनकी भारी कमी होने लगी है।

कागज: ऊर्जा संकट के कारण कागज की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। महामारी के दौरान आसमान छूती मांग के कारण कार्डबोर्ड बॉक्स और पैकिंग सामग्री का उत्पादन पहले से ही प्रभावित था। अब, चीन में अस्थायी शटडाउन ने उत्पादन को और भी कठिन बना दिया है। इससे सितंबर और अक्टूबर के लिए आपूर्ति में संभावित 10% से 15% की कमी हो सकती है। वैश्विक स्तर पर पेपर की कमी पहले से ही है।

ऑटोमोबाइल और तकनीक

ऑटोमोबाइल और टेक्नोलॉजी से जुड़े महत्वपूर्ण सामान चीन में बनाए जाते हैं। लेकिन बिजली संकट के कारण वह काम भी ठप पड़ा है। इसके चलते दुनियाभर में फोननिर्माता कंपनियों और ऑटोमोबाइल कंपनियों के पास पर्याप्त मात्रा में चिप नहीं पहुंच पा रही हैं। इससे मोबाइल, कार, कंप्यूटर समेत कई तरह का इलेक्ट्रिक सामान महंगा हो सकता है। खास बात यह है कि इसका सबसे ज्यादा असर भारत पर दिखाई देगा। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर पहले से ही चिप की भारी कमी है। अब चीन में बिजली संकट चिप के संकट को और बढ़ा सकता है।



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