NBL, 01/05/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Raipur 2022; Bore Basi is the traditional food of Chhattisgarh, which was on the verge of extinction, which CM Baghel gave a new identity. And discussed its many benefits.
Chttishgrah Raipur: बोरे बासी एक प्रकार की औषधी है, जो सदियो से छ.ग वासी इसके उपयोग करते आ रहे हैं, लेकिन कुछ लोग डाक्टरो के सलाह के कारण इस बोरे बासी को खाने के लिए परहेज़ किया यह बोरे बासी आपके शरीर के लिए नुक़शान दायक है बोलने पर और छ.ग स्वास्थ विभाग के द्वारा गाइड लाइन जारी भी किया जाता था, बासी वस्तु या भोजन की उपयोग बिल्कुल भी न करें और साफ सुथरे व स्वच्छ रहे करके, पढ़े विस्तार से...
इस कारण से छ.ग मे बोरे बासी की प्रचलन कम होते गया जबकि बोरे बासी खाने वाले लोगो की आयु अभी वर्तमान के लोगों के व्यक्ति से ज्यादा लम्बे समय तक जीवन स्वस्थ होकर जीते थे, ऐसा हमने अपने सर्वे मे पाया। इस कारण से छ.ग के मूलनिवासी होने के नाते सीएम भूपेश बघेल इस बोरे बासी से भली भाँति अवगत है और इस बोरे बासी के गुण के बारे मे जानते है, इसलिए अपने स्मृति में लाकर इस बोरे बासी खाने की प्रथा को छ.ग वासियो के सामने लाया, और मजदूर दिवस के याद मे बोरे बासी को यादगार बना दिया.
01मई 2022: छत्तीसगढ़ के सीएम ने क्यों कहा- आज सबको खाना है बोरे बासी इसके फायदे जान हो जाएंगे हैरान..
रात को खाना खाने के बाद बचे हुए चावल को पानी में डूबाकर रख दिया जाता है और उसे सुबह में खाया जाता है, उसे बासी कहते हैं। जबकि रात में चावल बनाकर उसे ठंडा करने के बाद पानी में डालकर खाते हैं तो उसे बोरे कहते हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ( CM Bhupesh Baghel ) ने छत्तीसगढ़ियों से अपील की है कि मजदूर दिवस के दिन यानी आज सभी लोग बोरे और बासी ( Eat Bore Basi On Labor Day ) खाएं। यही नहीं, उन्होंने देश-विदेश के कोने-कोने में बसे छत्तीसगढ़ के सभी लोगों से आज के दिन बोरे-बासी खाकर श्रम को सम्मान देने का आग्रह किया है। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि बोरे और बासी क्या होता है।
दरअसल, कुछ लोग बोरे और बासी को एक ही समझते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। बोरे और बासी में बहुत अंतर है। बता दें कि रात को खाना खाने के बाद बचे हुए चावल को पानी में डूबाकर रख दिया जाता है और उसे सुबह में खाया जाता है, उसे बासी कहते हैं। जबकि रात में चावल बनाकर उसे ठंडा करने के बाद पानी में डालकर खाते हैं तो उसे बोरे कहते हैं।
गजब विटामिन भरे हुए हे छत्तीसगढ़ के बासी मा' CM भूपेश बघेल की अपील- मजदूर दिवस पर बोरे-बासी खाएं छत्तीसगढ़ी
बोरे-बासी खाने के फायदे
छत्तीसगढ़िया बोरे और बासी खाने से कई फायदे होते हैं। कहा जाता है कि इसे खाने से खूब प्यास लगती है और ज्यादा पानी पीने से डि-हाइड्रेशन जैसी समस्या नहीं होती है। बताया जाता है कि इसे खाने के बाद यह शरीर के ताप को नियंत्रित करता है। जिस वजह से पड़ने वाली गर्मी और लू का प्रभाव नहीं पड़ता है। इसे खाने से नींद भी अच्छी आती है।
बोरे और बासी पर शोध हो चुका है..
बता दें कि बोरे और बासी पर शोध भी हो चुका है। अमेरिका में हुए शोध में पाया गया कि इसे खाने से डि-हाइड्रेशन और बीपी कंट्रोल में रहता है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जिससे इसे खाने से हमारी थकान दूर हो जाती है। छत्तीसगढ़ के अलावा इस व्यंजन को दक्षिण भारत के कई राज्यों में खाया जाता है।
आज छ.ग के कई बड़े- बड़े हस्थियो ने बोरे बासी का आनंद लिया और खुद अपने बचपन के पुराने यादो को ताजा किया और इस बोरे बासी को छ.ग सीएम भूपेश बघेल देश दुनिया मे नई पहचान दिलाई।