बलरामपुर। बलरामपुर के संतोषीनगर निवासी गुमशुदा महिला रीना गिरी की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। झारखंड पुलिस ने रीना मंडल के शव का शिनाख्त रीना गिरी के भाई बदला गिरी से कराया और उसकी पहचान भी रीना गिरी के रूप में ही की गई। मामला दर्ज कर गढ़वा पुलिस ने पूरे घटनाक्रम में बारीकी से जांच की, जिसके बाद आज झारखंड की गढ़वा पुलिस बलरामपुर पहुंची और रीना गिरी हत्याकांड में ससुर शांति मंडल, रिश्तेदार रमेश मंडल, ललिता मंडल एवं सहयोगी बीरा लकड़ा चारों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
पूरे मामले में गढ़वा पुलिस ने बताया कि रीना मंडल की हत्या के लिए ससुर व पति ने 30000 रुपए की फिरौती दी थी। रिश्तेदार रमेश मंडल व उसकी पत्नी ललिता मंडल ने झारखंड पुलिस को बताया कि 30 हजार रुपए में वारदात को अंजाम देने के लिए डील हुई थी। 29 सितंबर को 18000 रुपए उन्हें प्राप्त हो गए थे। इसके बाद रमेश मंडल अपने दोस्त वीरू को फोन करके गाड़ी में रीना मंडल को बैठाकर झारखंड के गढ़वा स्थित कोयल नदी पर ले गया और हाथ पैर बांधकर नीचे फेंक दिया। उसका मोबाइल भी नदी में ही फेंक दिया था। इसके बाद लगभग 9:30 बजे वह बलरामपुर वापस भी आ गए थे। आने के बाद बचे हुए पैसे भी रमेश मंडल को प्राप्त हो गए थे।
आरोपियों ने गढ़वा पुलिस को बताया कि जैसे ही रीना गिरी का अपहरण कर उसे झारखंड ले जाया गया तो प्लानिंग के तहत पति गुरुचंद मंडल को फोन कराया गया, जिसमें कहा गया कि मैं आपसे बहुत दूर जा रही हूं, मेरा चिंता मत करना, बस इतने ही बात को रिकॉर्डिंग कर लिया। इस रिकॉडिंग को 30 सितंबर की सुबह पति गुरु चरण मंडल व ससुर शांति मंडल ने कोतवाली पुलिस में रीना की गुमशुदगी की रिपोर्ट के दौरान पेश किया गया और उक्त रिकॉर्डिंग को रीना गिरी के भाई-बहन व माता-पिता को भी भेज दिया गया था, ताकि बलरामपुर पुलिस और ससुराल पक्ष को भी गुमराह किया जा सके।
जानकारी के अनुसार बलरामपुर पुलिस ने पूरी घटना पर बारीकी से जांच करते हुए बलरामपुर बवाल के पूर्व ही अपनी जांच पूरी कर ली थी। लगभग आरोपियों की भी पहचान कर ली थी। घटनाक्रम भी पूरी तरह से सामने आ गई थी। इसी बीच पति गुरु चंद मंडल को जब इसकी जानकारी लगी तो उसने खुद ही पुलिस थाने में आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के बाद पूरे जिले में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी।