भाजपा की संविधान विरोधी मानसिकता उजागर : जैन
छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र बिना संविधान पर चर्चा के संपन्न होना पीड़ादायक तथा निंदनीय
डा अंबेडकर के योगदान की चर्चा से बचने भाजपा ने ऐसा किया
केंद्र सरकार ने राज्य विधानसभाओं को जारी नहीं किया निर्देश
जगदलपुर। पूर्व विधायक व संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का चार दिवसीय सत्र संविधान पर चर्चा किए बिना संपन्न होना, भाजपा के संविधान विरोधी व संविधान के मुख्य शिल्पी डा अंबेडकर विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। जब देश संविधान के अंगीकार करने की 75वीं सालगिरह मना रहा है, ऐसे में भाजपा की यह उपेक्षा उसके संविधान विरोध को ही नहीं प्रदर्शित करती है अपितु प्रारुप समिति अध्यक्ष डा अंबेडकर के प्रति उसकी घृणित सोच को भी दर्शाती है जो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान के रूप में देश- दुनिया के सामने उजागर हो चुकी है।
केंद्र सरकार के द्वारा किसी भी राज्य या उसकी विधानसभा को संविधान निर्माण की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए पत्र जारी न किया जाना निंदनीय है। जैन के अनुसार- राज्यों में अगर विशेष सत्र का आयोजन होता तो संविधान निर्माण के साथ डा अंबेडकर की सराहना की जाती, जो भाजपा को नागवार गुजरता, इस कारण से केंद्र ने पत्र ही नहीं भेजा और न ही कोई निर्देश दिए।
राहुल से डरी भाजपा
पूर्व विधायक जैन के अनुसार समाज के वंचित व पिछड़े तबके के लोगों के मन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के प्रति सकारात्मक भाव देखकर भाजपा जननायक से डर गई है इसलिए रोजाना ही षडयंत्र रचती रहती है। उनकी सांसदी छीनने के भाजपाई प्रयास कभी सफल नहीं हो सकते। जैन का कहना है कि भाजपा को तत्काल विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करना चाहिए जिसमें संविधान सभा, उसके प्रावधान, डा अंबेडकर की भूमिका आदि पर चर्चा होनी चाहिए।