BIG NEWS: भारतीय वैज्ञानिकों ने टेस्टिंग का ढूंढा नया तरीका... सिर्फ गरारा करके ही पता चल जाएगा कि कोरोना है या नहीं... ICMR ने दी टेस्ट के नए तरीके को मंजूरी... महज 3 घंटे में मिलेगा रिजल्ट... देखें VIDEO.....

नई दिल्ली 29 मई 2021। भारतीय वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस संक्रमण की जांच के लिए एक नया आरटी-पीसीआर टेस्टिंग किट तैयार किया है। इससे महज तीन घंटे में ही टेस्ट के नतीजे प्राप्त हो जायेंगे। इस टेस्टिंग किट को राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान ने बनाया है। आईसीएमआर ने भी इस तकनीक को मंजूरी दे दी है। इस टेस्ट में स्वैब का कलेक्शन लेना जरूरी नहीं होगा। इसमें एक ट्यूब होगी, जिसमें सलाइन होगा। लोगों को कोरोना की जांच के लिए इस सलाइन को मुंह में डालने और फिर 15 सेकंड तक गरारा करने की जरूरत होगी। 

 

जब शख्स गरारा कर लेगा फिर उसे ट्यूब में थूकना होगा और टेस्टिंग के लिए दे देना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस तकनीक को रिमार्कबल इनोवेशन करार दिया है। उन्होंने कहा, ''यह स्वैब फ्री तकनीक गेम-चेंजर साबित हो सकती है।'' नीरी के पर्यावरण वायरोलॉजी सेल के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. कृष्णा खैरनार ने बताया, ''सैंपल कलेक्शन को आसान और पेशेंट फ्रेंडली बनाने के लिए नीरी ने सोचा था। कम से कम पेशेंट को तकलीफ पहुंचा कर कलेक्शन ले सकते हैं। 

 

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सलाइन को पीना पड़ता है और फिर गरारा करना पड़ता है। तीन घंटे में हम आरटी-पीसीआर वाली रिपोर्ट दे सकते हैं। हमें अभी आईसीएमआर की मंजूरी मिल गई है और बाकी लैब्स को ट्रेनिंग देने के लिए हमसे कहा गया है। नीरी में आज पहला बैच आया है, जिसकी टेस्टिंग बाकी है।'' उन्होंने आगे बताया कि लोग खुद से भी यह टेस्टिंग कर सकेंगे, जिससे टेस्टिंग सेंटर पर भीड़ नहीं लगेगी और इससे काफी समय भी बचेगा। साथ ही सेंटर पर दूसरों से संक्रमित होने का खतरा भी नहीं होगा। 

 

कैसे करता है काम

 

उन्होंने कहा कि यह इतना सरल है कि रोगी स्वयं नमूना एकत्र कर सकते हैं। जबकि नाक और मुंह से स्वैब संग्रह जैसी विधि के लिए तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। इसमें ज्यादा समय भी लगता है। वहीं, सलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर विधि सलाइन सॉल्यूशन से भरी साधारण कलेक्ट ट्यूब का उपयोग करती है। रोगी घोल से गरारे करता है और उसे ट्यूब के अंदर छोड़ देता है।

 

 संग्रह ट्यूब में यह नमूना प्रयोगशाला में ले जाया जाता है जहां इसे कमरे के तापमान पर नीरी द्वारा तैयार एक विशेष बफर समाधान में रखा जाता है। इस घोल को गर्म करने पर एक आरएनए टेम्प्लेट तैयार किया जाता है, जिसे आगे रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) के लिए प्रोसेस किया जाता है। नमूना एकत्र करने और संसाधित करने की यह विशेष विधि आरएनए निष्कर्षण की ज्यादा महंगी ढांचागत आवश्यकता को बचाने में सक्षम बनाती है। लोग स्वयं का परीक्षण भी कर सकते हैं। यह विधि पर्यावरण के अनुकूल भी है, क्योंकि अपशिष्ट उत्पादन कम से कम होता है।

 

 

 



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