डेस्क :- जून महीने में भारत को कोरोना की दूसरी लहर से थोड़ी राहत मिलते दिख रही है लेकिन यह पूरी तरह मंद नहीं पड़ी है। इस बीच भारत में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका भी जाहिर की गई है और अब एम्स के चीफ रणदीप गुलेरिया ने बयान दिया है कि अगले 6 से 8 हफ्तों में यानी की 2 महीने के अंदर भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है।
दुनियाभर के 40 स्वास्थ्य विशेषज्ञों, डॉक्टरों, वैज्ञानिकों, वायरोलॉजिस्ट, महामारी विज्ञानियों और प्रोफेसरों के 3-17 जून के स्नैप सर्वेक्षण से पता चला है कि भारत में टीकाकरण में एक महत्वपूर्ण तेजी आना तीसरी लहर के प्रकोप को थोड़ा कम कर देगा। भारत में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भविष्यवाणी करने वालों में से 85% या 21 से अधिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि अगली लहर अक्टूबर तक आएगी। तीन लोगों ने अगस्त की शुरुआत में और 12 लोगों ने सितंबर में इसकी भविष्यवाणी की है। बाकी बचे तीन लोगों ने नवंबर से फरवरी के बीच भारत मे कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई है।
हालांकि, राहत की बात ये है कि 70% से अधिक विशेषज्ञों या 34 में से 24 लोगों ने कहा है कि भारत में मौजूदा कोरोना प्रकोप की तुलना में किसी भी नए प्रकोप को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जाएगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि इसे और अधिक नियंत्रित किया जाएगा क्योंकि मामले बहुत कम होंगे क्योंकि अधिक टीकाकरण शुरू हो गया होगा और दूसरी लहर से कुछ हद तक प्राकृतिक प्रतिरक्षा भी होगी। यानि कोरोना की तीसरी लहर उतनी तेज रहने की संभावना नहीं है।
इस लहर को लेकर एक्सपर्ट्स इसलिए भी ज्यादा चिंतित नहीं है कि क्योंकि देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार भी तेज है। देश में 26 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं। स्नैप सर्वे में दुनियाभर के 40 एक्सपर्ट्स जिनमें डॉक्टर, वैज्ञानिक और रिसर्च करने वाले शामिल थे उन्होंने उम्मीद जतायी है कि वैक्सीनेशन का होना महामारी के खतरे को कम करेगा।
एम्सी चीफ ने बयान दिया है। बता दें कि दूसरी लहर में भारत में अस्पतालों में बिस्तर की कमी के साथ ही मेडिकल सप्लाई की भी कमी हो गई थी। दूसरी लहर के बीच कई राज्यों ने सख्त प्रतिबंध लागू किए थे, जिनमें अब ढील दी जा रही है। इसी को लेकर एम्स चीफ ने अगले दो महीने में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जाहिर की है।
उन्होंने कहा, 'हमने अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी है और फिर से कोरोना नियमों का पालन करने में लापरवाही देखी जा रही है। ऐसा लगता है जैसे पहली और दूसरी लहर में जो कुछ हुआ, हमने उससे कुछ सीखा नहीं। फिर से भीड़ जमा हो रही है। लोग इकट्ठे हो रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना संक्रमण के आंकड़े बढ़ने में समय लगेगा लेकिन अगले 6 से आठ हफ्तों में केस बढ़ने लगेंगे..या कुछ और देर से। यह सब निर्भर करता है कि हम कैसे कोरोना नियमों का पालन कर रहे हैं और भीड़ इकट्ठा होने से रोक रहे हैं।'