नई दिल्ली 26 मई 2021। साइक्लोन यास ओडिशा के समुद्री तट तक पहुंचने के बाद अब राज्य के दक्षिण में बालासोर की ओर बढ़ रहा है। चक्रवाती तूफान यास का लैंडफॉल जारी है। बंगाल और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भी यास तूफान को लेकर अलर्ट जारी है। चक्रवाती तूफान यास से ओडिशा के भद्रक और बालासोर में सबसे ज्यादा तबाही की आशंका है। भीषण चक्रवाती तूफान यास के प्रभाव से ओडिशा-बंगाल में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। ओडिशा के रिहायशी इलाकों में समंदर का पानी घुस गया तो वहीं बंगाल में हल्दिया पोर्ट में भी पानी का कहर दिखाई दे रहा है।
रिहायशी इलाकों में घुसा समंदर का पानी
मौसम विभाग के अनुसार भीषण चक्रवाती तूफान यास के ओडिशा के धामरा में आज दोपहर को टकराने की आशंका है। तूफान के मद्देनजर कई राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। ओडिशा के समंदर में ऊंची लहरें उठ रही हैंं। धामरा और भद्रक जिलों में भारी बारिश और समंदर के ऊफान से रिहायशी इलाकों के घरों में पानी घुस गया है। मौसम विभाग के अनुसार यास नाम का ये तूफान गंभीर चक्रवाती तूफान जब तट से टकराएगा तो उस दौरान 130-140 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाएं 155 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती हैं।
छत्तीगढ़ में भी दिखेगा असर
छत्तीसगढ़ के मौसम विभाग के मुताबिक गरज चमक के साथ भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। प्रदेश में आगामी 48 घंटों के लिए बलरामपुर, सरगुजा, सूरजपुर, जशपुर, रायगढ़, जांजगीर व महासमुंद जिलों मे एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ भारी वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
यास तूफान का बहुत ज्यादा असर छत्तीसगढ़ में देखने की आशंका तो नहीं है लेकिन छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में इसका असर देखने को मिलेगा। बिलासपुर और सरगुजा संभाग के जिलों के लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है। यहां पर भारी बारिश की संभावना है।
दरअसल मध्य पूर्वी बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न “यास” चक्रवाती तूफान 26 तारीख को पृथ्वी से टकराने के बाद पश्चिमी झारखंड के रास्ते छत्तीसगढ के जिन जिलो मे प्रवेश करेगा। उसमे बलरामपुर, सरगुजा और जशपुर जिला शामिल हैं। चक्रवात ‘यास’ ओडिशा के बालासोर में दस्तक दे चुका है। इस वक्त यहां समुद्र में लहरें 4 से 6 मीटर तक ऊपर उठ रही हैं। सुबह 10-11 बजे के बीच इसके ओडिशा के तट से टकराने का अनुमान है।
कई जगह पानी भरने की आशंका
मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि पश्चिम बंगाल के पांच और ओडिशा के चार उप-मंडलों और ब्लॉक में पानी भरने की आशंका है।सबसे अधिक पानी भद्रक जिले में भरने की आशंका है ।इतनी ऊंची लहरों वाले तूफान का एक कारण पूर्णिमा भी है। बालासोर, भद्रक, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, कंठी, डायमंड हार्बर, बशीरहाट, तामलुक और उलुबेरिया में समुद्र का पानी भरने की आशंका है। दीघा की गलियों में समुद्र का पानी भर गया है। समुद्र से आए ज्वार के पानी के कारण सड़कों पर कई वाहन पलट गए।
पूर्वी मिदनापुर के कई इलाकों में भरा पानी
कोलकाता में मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि शहर में अधिकतम 62 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। पूर्वी मिदनापुर के दीघा में 90 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलीं। उन्होंने बताया कि समुद्र में उठी ऊंची लहरों के कारण पूर्वी मिदनापुर और दक्षिण 24 परगना के कई निचले इलाकों में पानी भर गया और नदियों में जलस्तर बढ़ गया।
मौसम विभाग ने चक्रवात के दस्तक देने के दौरान पूर्वी मिदनापुर के निचले तटीय इलाकों में समुद्र में दो से चार मीटर और दक्षिण 24 परगना में दो मीटर ऊंची लहरें उठने का अनुमान जताया था। पश्चिम बंगाल और ओडिशा के अधिकतर हिस्सों में रातभर बारिश हुई।
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