पूर्व केंद्र और राज्य सरकारों की कुछ गलत नीतियों के कारण आज देश में धार्मिक असहिष्णुता और कानूनों के प्रति संदेह दोनों को बढ़ावा मिला है।

NBL, 11/02/2024, Lokeshwar Prasad Verma Raipur CG: Due to some wrong policies of the former central and state governments, both religious intolerance and suspicion towards laws have given rise in the country today. पढ़े विस्तार से.... 

आज भारत के कानून व धर्म और भ्रष्टाचार के नाम पर जो लड़ाई चलती दिखाई देती है वह तत्कालीन सरकार के न्याय व्यवस्था के कारण नहीं, बल्कि पिछली सरकारों की न्याय अव्यवस्था के कारण हो रही है, जिसके कारण आज देश की न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़ी हो रही है? 

आजके तत्कालीन केंद्र सरकार और केंद्र के अधीन राज्य सरकारें पूर्व सरकार की गलत नीतियों के सुधार में काम कर रही हैं, जिसे वे सही करना चाहती हैं? अब कुछ सरकारी जमीन पर कब्जा कर उस पर मस्जिद या मदरसा बना दिया गया है और उस पर वैसा ही मंदिर या धर्मशाला बना दिया गया है. और देश के कई लोग अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए सरकारी जमीन पर अनैतिक तरीके से बहुतायत रूप से कब्जा किये बैठे हैं। 

 

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जो आजके तत्कालीन सरकार इसे जनहित के दायरे में लाकर कब्जा हटवा कर उन्हें लाभ पहुंचा रही है, तो गलत क्या है? जैसे कई ऐसी जगहें हैं जहां सरकारी जमीन की कमी है और सरकार गरीब लोगों के लिए घर कैसे बना पाएगी जब उसी इलाके में सरकारी जमीन हड़पी जा रही है, कुछ धर्म के नाम पर तो कुछ पूर्व सरकार की रसुख दार राजनीति करने वालों के बल पर कुछ गुंडागर्दी के नाम पर इन सभी लोगों को हटाने के लिए आज की सरकार इन्हें न्यायिक प्रक्रिया से हटवा रही है, न्यायालय की सही न्याय व्यवस्था के साथ तो क्या गलत कर रहे हैं? 

देश की पिछली सरकार की रणनीति में दम न होने के कारण आज के समय में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी शासित राज्यों में बैठी उनकी सरकारों के उपर देश के विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा धार्मिक कट्टरता फैलाने का आरोप लगाया जाता है, लेकिन ये विपक्षी कट्टरपंथियों को पनपने नहीं दिया जा रहा है. आज की विपक्षी पार्टियों की पिछली सरकार ने अन्याय को रोकने के बजाय अन्याय को बढ़ावा दिया, जो अब देश में विकराल रूप लेता जा रहा है, जिसे भाजपा की केंद्र सरकार और उसके अधीनस्थ राज्य सरकारें जड़ से खत्म नहीं कर पा रही हैं।

धीरे-धीरे वे अपनी कार्यकुशलता और देश की न्यायिक जांच के माध्यम से पिछली सरकार की गलत व्यवस्था को उजागर कर सही कर रहे हैं और अपने देश के लोगों के हित में काम कर रहे हैं, जिसके कारण आज भाजपा का राजनीतिक स्तर बढ़ रहा है और देश की जनता यह मानने लगी है कि भाजपा देश में सही सरकार चला रही है।

आज देश की वर्तमान भाजपा सरकार पिछली सरकार की कुछ गलत नीतियों को गिनाकर और अपने राजनीतिक स्तर को सुधारकर अपना राजनीतिक स्तर मजबूत कर रही है और विपक्षी दलों के नेताओं के पास कोई मजबूत हथियार नहीं है जो आज की बीजेपी सरकार की काट कर सके। विपक्षी दलों के नेता न तो रोजगार पर बात कर सकते हैं और न ही देश में बढ़ती महंगाई पर, देश हित में उनके द्वारा बोली जाने वाली भाषा का देश की जनता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है।

और मुख्य कारण है देश की सत्ता में बैठकर इन विपक्षी दलों के माध्यम से लंबे समय तक सरकार चलाई है और देश की जनता को देश हित में उतना काम नहीं हुआ जितना इन्हें करना चाहिए था, इसीलिए देश की जनता का झुकाव बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ है. पीएम मोदी अपने नौ दस साल के कार्यकाल में देश की जनता के हित में बहुत कुछ किया, जिससे देश की जनता का उस पर विश्वास बढ़ा है और आने वाले समय में यह देश हित में और भी बेहतर होगा पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के जरिये ऐसा देश की जनता का मन कहता है। 

पीएम मोदी संसद भवन में बैठकर जोर-जोर से अपनी गारंटी के वजन की बात कर रहे हैं, इस बार पूरी ताकत से 370 के पार और हमारा एनडीए मिलकर 400 के पार है। इसे कहते हैं खुद पर भरोसा, जो जनता के दम पर गारंटी दे रहा है क्योंकि बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी सरकार देश के लिए कुछ अच्छे काम कर रही है, इसीलिए वो बढ़ चढ़कर बोल रहे हैं और विपक्षी दलों के नेताओं का मनोबल तोड़ रहे हैं। 

कुछ दलों के नेता और कुछ धार्मिक नेता देश के मुस्लिम अल्पसंख्यकों के हित में नहीं बल्कि अहित में लगे हुए हैं। उत्तराखंड हृद्वानी में रेलवे की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनी मस्जिद और मदरसे को कोर्ट की कानूनी प्रक्रिया के जरिए हटा रहे थे और सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से पुलिस बल तैनात किये गये थे, लेकिन बड़ी संख्या में उपद्रवियों ने सरकारी और निजी वाहनों पर पथराव और आगजनी कर क्षति पहुंचायी और पथराव के कारण कई पुलिस बल और ईमीडिया, पत्रकार लोगों को गंभीर चोटें आयीं, जो बहुत दुखद घटना है। 

सच तो यह है कि पुलिस बल व देश के, ईमीडिया, पत्रकार हमारे समाज का सहयोगी है और वे अपनी जान-माल की परवाह किये बिना हमारी रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। लेकिन इतनी क्रूरता क्यों? क्या वह इंसान नहीं है? क्या उनके परिवार नहीं हैं? क्या वह भारत के नागरिक नहीं हैं? या फिर तुम उपद्रवी लोग इस देश के नागरिक नहीं हो?

जो उपद्रवी लोग आतंकवादियों की तरह काम करते हैं तुम लोग अपने ही देश की संपत्ति या लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं, ऐसे उत्पात मचाने से आपको क्या लाभ मिलता है, जो अपने आप के उपद्रवि उत्पात से क्या मिलता है? क्या आपकी अवैध मस्जिद या अवैध मदरसा बच पायेगा? देश के कानूनी कार्रवाई में फंसकर आप क्या बच जाओगे आप  खुद पर बोझ बन गए हैं, जिससे आपका परिवार जीवन भर रोता रहेगा हमारे पालन-पोषण करने वाले आज जेल में हैं करके, धार्मिक उन्माद फैलाने वाले धार्मिक व राजनीतिक नेेता तो अपने घरो में छिपे चुप बैठे हुए है, जो आप भोले भाले मुुुुुुसलमान युवक युवती को भड़का कर राजनीतिक फायदा उठा कर आप लोगों की हितैैषी बने बैठे है, जबकि देश में संविधान की कानून चलता हैं, नकी धार्मिक कानून चलता है। 


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