earthquake tremors felt in many states of india including delhi ncr
Delhi-NCR Earthquake : दिल्ली-NCR में मंगलवार रात्रि करीब 10 बजकर 17 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। झटके इतने तेज थे कि लोग घबराकर अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के झटके दिल्ली समेत उत्तराखंड, पंजाब, UP, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, बिहार में भी महसूस किए। हर जगह अफरा-तफरी का माहौल रहा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसकी तीव्रता 6.6 आंकी गई। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में रहा। भारत के अलावा, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कजाकिस्तान और चीन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। सीस्मोलॉजी विभाग के मुताबिक भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान से 90 किमी दूर कालाफगन में था।(Delhi-NCR Earthquake)
कटरा में वैष्णो देवी के दर्शन करने गए श्रद्धालुओं ने भी भूकंप के झटके महसूस किए। कमरों से बाहर श्रद्धालु निकल आए है। वहीं एक और वीडियो ग्रेटर नोएडा की है जिसमें देखा जा सकता है कि छत पर लगा फैन हिलता दिख रहा है वहीं ग्वालियर और मुरैना में भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं।(Delhi-NCR Earthquake)
क्यों बार-बार नेपाल और उत्तर-भारत में आ रहे भूकंप के झटके?
इसे समझने के लिए हमने आईआईटी कानपुर सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सीनियर प्रोफेसर और जियोसाइंस इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ प्रो. जावेद एन मलिक से बात की। उन्होंने कहा, '2015 में भी नेपाल में 7.8 से 8.1 तीव्रता वाले भूकंप के झटके आए थे। तब आठ हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 20 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। उस वक्त भूकंप का केंद्र पूर्वी नेपाल था। यही कारण है कि भारत पर इसका असर नहीं पड़ा था। हालांकि, हिमालय रेंज में टेक्टोनिक प्लेट अस्थिर हो गई है। इसके चलते अब लंबे समय तक इस तरह के भूकंप आते रहेंगे। इस बार आए भूकंप का भी यह एक बड़ा कारण है। नेपाल में ये झटके उत्तराखंड से सटे हिमालयन रेंज पर आते हैं। यही कारण है कि इसका असर दिल्ली एनसीआर तक देखने को मिलता है।'(Delhi-NCR Earthquake)
IIT-K की रिसर्च में क्या सामने आया?
प्रो. जावेद मलिक ने बताया कि वह और उनकी टीम लंबे समय से भूकंप को लेकर अध्ययन कर रही है। इसमें भारत के लिए एक तरह की चिंताजनक स्थिति बन रही है। अगर लोग सोच रहे हैं कि भारत में नेपाल की तरह बड़े भूकंप नहीं आएंगे तो वह गलत हैं। (Delhi-NCR Earthquake)
प्रो. मलिक के अनुसार, 'इस बार नेपाल में आए भूकंप का केंद्र पश्चिमी नेपाल है, जो भारत से बिल्कुल सटा हुआ है। यही कारण है कि इस बार नेपाल के भूकंप का असर दिल्ली-एनसीआर तक देखने को मिला।' प्रो. मलिक ने तीन बिंदुओं में बताया कि उनके अध्ययन में क्या बातें सामने आई हैं? (Delhi-NCR Earthquake)