Electric Vehicle Subsidy :
अगर आप पेट्रोल या डीजल की कोई गाड़ी खरीदने जा रहे हैं तो रुक जाइए। इससे आपको काफी बड़ा नुकसान हो सकता है। क्योंकि नई गाड़ी खरीदने के लिए सरकार की सब्सिडी योजना सामने आने वाली है। बस आपको पेट्रोल और डीजल वाहनों का मोह छोड़कर इलेक्ट्रिक व्हीकल की ओर मूव करना होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी योजना की घोषणा करने जा रही है। जिसके तहत पुरानी पेट्रोल और डीजल गाडि़यों को स्क्रैप में देकर नई इलेक्ट्रिक कार या दोपहिया वाहन खरीदने पर सरकार मोटी सब्सिडी देने जा रही है। (Electric Vehicle Subsidy)
जहां ईवी की खरीद पर सबसे अधिक सब्सिडी दी जा रही है. पहले 10,000 खरीदारों को चारपहिया ईवी की खरीद पर 1.5 लाख रुपये की सब्सिडी दी जा रही है. इसी तरह दोपहिया वाहनों की खरीद पर 10,000 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है. जब से ईवी पॉलिसी लागू हुई है, तब से अधिकांश राज्यों में रोड टैक्स माफ है. इसमें गुजरात और केरल नहीं आते जहां कुल रोड टैक्स अमाउंट का 50 परसेंट डिस्काउंट दिया जाता है. (Electric Vehicle Subsidy)
अगर आप लोन लेकर ईवी खरीदते हैं, तो लोन के ब्याज पर टैक्स छूट दी जाती है. इनकम टैक्स एक्ट के तहत इस ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक की छूट ली जा सकती है. इनकम टैक्स एक्ट 80EEB के तहत ईवी की खरीद पर लोन के ब्याज पर टैक्स छूट दी जाती है. ईवी की खरीद पर केंद्र सरकार सबसे कम 5 परसेंट जीएसटी लेती है. इसके साथ ही, महाराष्ट्र ने ईवी के रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फी को माफ कर दिया है. (Electric Vehicle Subsidy)
देश के अधिकांश राज्यों ने सब्सिडी वाली इलेक्ट्रिक कारों की कुल संख्या 10,000 यूनिट पर सीमित कर दी है. इस कैटेगरी में आने वाले वाहनों के लिए एक्स-फैक्टरी लागत सीमा 15 लाख रुपये आंकी गई है, जिसका अर्थ है कि वर्तमान में, यह केवल टाटा टिगोर ईवी जिपट्रॉन और टाटा नेक्सॉन ईवी है जो सभी राज्यों में सब्सिडी के लिए योग्य हैं. MG ZS EV और Hyundai Kona Electric जैसे बड़े, अधिक महंगे EV इन सब्सिडी के लिए योग्य नहीं हैं. इस लिस्ट में महाराष्ट्र सबसे आगे है जहां 5,000 रुपये प्रति kWh की दर से इन्सेंटिव दिया जा रहा है. चारपहिया ईवी के लिए यह राशि 1.5 लाख निर्धारित है. (Electric Vehicle Subsidy)
राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश अपनी नीतियों में इलेक्ट्रिक कारों और एसयूवी के लिए डायरेक्ट सब्सिडी नहीं देते, लेकिन रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस पर छूट दी जाती है. देश भर में सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन चार्ज माफ कर दिया गया है. पिछले साल अगस्त में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने घोषणा की कि सभी बैटरी से चलने वाले वाहनों को ‘पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने या रजिस्ट्रेशन रिन्यू चार्ज के भुगतान से छूट दी गई है. (Electric Vehicle Subsidy)
गुजरात, असम और पश्चिम बंगाल 10,000 रुपये प्रति kWh इन्सेंटिव देते हैं, लेकिन कुल सब्सिडी 1.50 लाख रुपये तक सीमित है. दिल्ली में भी ईवी की खरीद पर इसी राशि की पेशकश की जाती है और बिहार की अभी तक अधिसूचित ईवी नीति में भी इसी तरह के लाभों का वर्णन है. ओडिशा इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 1 लाख रुपये तक का इन्सेंटिव देता है, जबकि मेघालय – 4,000 रुपये प्रति kWh के इन्सेंटिव के साथ – कुल 60,000 रुपये की सब्सिडी प्रदान करता है. (Electric Vehicle Subsidy)