How do Parents Affect Child Obesity:
नया भारत डेस्क : बच्चों में मोटापे की बीमारी उनके पेरेंट्स से जुड़ी हुई हो सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार अगर पेरेंट्स अपनी मिडिल एज में मोटे होते हैं तो उनके बच्चों में भी ये सेम चीज देखी जा सकती है। बच्चों में इसकी संभावना छह गुना अधिक हो सकती है। इसके अलावा भी ये शोध इस बारे में बहुत कुछ कहता है, जानते हैं इस बारे में विस्तार से। (How do Parents Affect Child Obesity)
Parents का मोटा होना बच्चों में 6 गुणा बढ़ाता है मोटापे का खतरा: शोध
नॉर्वे विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस शोध किया है जो कि बच्चों में मोटापे को लेकर एक बड़ा खुलासा करता है। इस शोध के अनुसार मोटापे से जूझना एक व्यक्ति को जीवन भर परेशान करता है लेकिन, इसकी शुरुआत बचपन से हो सकती है और ये आपके माता-पिता की सेहत से जुड़ा हो सकता है। दरअसल, इस शोध से पता चला है कि जिन लोगों के माता-पिता मिडिल एज यानी 40 की उम्र में मोटापे से ग्रस्त थे, वे भी अपने मिडिल एज में मोटे हो सकते हैं। दरअसल, मोटापा जीन के जरिए ट्रांसफर हो सकता है और इस तरह मोटे मात-पिता के बच्चों में मोटापे के ग्रस्त होने का खतरा 6 गुणा ज्यादा होता है। (How do Parents Affect Child Obesity)
बच्चों में मोटापे का Genetic disorder क्या है?
बच्चों में मोटापा जब जेनेटिक कारणों से होता है तो इसे प्रैडर-विली सिंड्रोम, WAGR सिंड्रोम, SIM1 सिंड्रोम और प्लियोट्रोपिक सिंड्रोम जैसे क्रोमोसोमल मोटापे के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। ये सभी मात-पिता के जीन्स से जुड़ा होता है। ऐसे में आपका बच्चा बचपन में ही तेजी से मोटापे का शिकार हो सकता है। तो, सतर्क रहें और अपने डॉक्टर को दिखाएं। (How do Parents Affect Child Obesity)
बच्चों में मोटापा कैसे रोकें?
बच्चों में मोटापे को रोकने के लिए आपको सबसे पहले उनकी फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान देगा होगा। आपको उनका मेटाबोलिज्म तेज करना होगा ताकि जो वो खाएं वो पच जाए और वजन न बढ़े। साथ ही बच्चों को हाई कैलोरी वाले फूड्स देने से बचें। सबसे ज्यादा तो फास्ट फूड यानी पिज्जा-बर्गर जैसी चीजों की आदि न बनाएं। साथ ही रोज 2 घंटे घर के बाहर किसी खेल को खेलने के लिए प्रेरित करें। (How do Parents Affect Child Obesity)