रायपुर। भारत सरकार के संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा था। मंत्रियों को बड़ा झटका लगा था। केंद्र सरकार ने DMF परिषद अध्यक्ष पद से प्रभारी मंत्रियों को हटाने के निर्देश दिये थे। केंद्र सरकार ने स्पष्ट कहा है कि जिले के कलेक्टर ही डीएमएफ फंड के प्रमुख होंगे। जिलों में DMF फंड के दुरूपयोग को लेकर मंत्रियों की काफी शिकायतें सामने आ रही थी। पैसे के बंदरबांट, कमीशनखोरी को लेकर भी लगातार शिकायतें आ रही थी। जशपुर, कोरबा, राजनांदगांव सहित कई जिलों में डीएमएफ पैसे को लेकर बंदरबांट की खबरें सामने आ रही थी। ऐसे में प्रभारी मंत्रियों को केंद्र सरकार से बड़ा झटका लगा था।
इस बाबत कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तत्काल इस मामले में पूर्व में जारी निर्देशों के क्रियान्वयन के लिए कहा था ।
अब छत्तीसगढ़ में कलेक्टर ही DMF परिषद के अध्यक्ष होंगे। केंद्र के पत्र के बाद DMF परिषद में संशोधन राजपत्र में प्रकाशित हो गया है। इससे पहले राज्य सरकार ने प्रभारी मंत्रियों को DMF परिषद का अध्यक्ष बनाया था। इस आदेश को लेकर पिछले महीने 18 अगस्त को राज्य को केंद्र ने पत्र लिखकर कहा था कि प्रभारी मंत्रियों को DMF परिषद के अध्यक्ष पद से हटायें, क्योंकि फंड के प्रमुख कलेक्टर ही होंगे। प्रह्लाद जोशी के पत्र में इस मामले में तत्काल क्रियान्वयन के लिए भी कहा गया था।
इस पत्र के बाद अब राज्य सरकार ने परिषद को लेकर संशोधन को राजपत्र में प्रकाशित कर दिया है। राजपत्र में कलेक्टर को डीएमएफ परिषद के अध्यक्ष बनाने के संदर्भ इस बात का उल्लेख किया है कि ..
“शब्द पदेन सदस्य सचिव के स्थान पर शब्द पदेश अध्यक्ष प्रतिस्थापित किया जाये”
वहीं सांसदों को पदेन सदस्य सचिव बनाने को लेकर राजपत्र में प्रकाशन किया गयाहै। अभी तक जिला पंचायत सीईओ को पदेन सदस्य हुआ करते थे, उन्हें अब नये संशोधित परिषद में पदेन सदस्य सचिव बनाया जायेगा। वहीं सांसद परिषद में अब पदेन सदस्य होंगे।
जिले के लोकसभा सदस्य शासी परिषद के सदस्य होंगे, यदि किसी जिले में लोकसभा के एक से अधिक सांसद सदस्य हो तो उस जिले को लोकसभा के सभी सांसद सदस्य, शासी परिषद के सदस्य होंगे, तथा यदि लोकसभा के किसी सांसद सदस्य का निर्वाचन क्षेत्र एक से अधिक जिलों के अंतर्गत आता है तो लोकसभा का सांसद सदस्य ऐसे सभी जिलों के शासी परिषद के सदस्य होंगे।
राज्य के राज्यसभा का सांसद सदस्य अपने द्वारा चयनित किसी एक जिले शासी परिषद के सदस्य होंगे। राज्य सभा के सांसद सदस्य अपने द्वारा चयनित जिलों का नाम राज्य के खनिज साधन विभाग के प्रभारी सचिव को संसूचित करेंगे। जो इसकी संसूचना संबंधित जिला मजिस्ट्रेट, उपायुक्त, जिला कलेक्टर को देंगे।
केंद्र का DMF को लेकर गाइडलाइन
नयाभारत को मिली जानकारी के अनुसार डीएमएफ फंड के प्रमुख को लेकर केंद्र सरकार ने 23 अप्रैल 2021 को ही स्पष्ट दिशा निर्देश जारी कर दिया था, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने 2 जून 2021 को केंद्र सरकार को पत्र भेजकर ये आग्रह किया था कि डीएमएफ की शासी परिषद के अध्यक्ष के रूप जिले के प्रभारी मंत्रियों को अनुमति दी जाये, लेकिन उस आग्रह को केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया है। केंद्र ने साफ कर दिया है कि डीएमएफ फंड के चेयरमैन प्रभारी मंत्री नहीं, बल्कि कलेक्टर ही होंगे।
केंद्र सरकार ने 23 अप्रैल 2021 को आदेश जारी कर कहा था कि जिले के प्रशासनिक प्रमुख डीएमएफ के अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे और जिले में खनन प्रभावित क्षेत्रों के चयनित प्रतिनिधियों को डीएमएफ के उद्देश्यों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए देश के सभी खनन प्रभावित क्षेत्र के जिलों में शासी परिषद के सदस्यों के रूप में शामिल किया जायेगा। इससे डीएमएफ के अंतर्गत निधि का सुचारू प्रबंधन सुनिश्चित होगा और डीएमएफ के अंतर्गत परियोजनाओं के निष्पादन में जन प्रतिनिधियों की समस्याओं का समाधान भी होगा। नयाभारत को मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में कई जिलों में सौ करोड़ से ज्यादा का डीएमएफ फंड होता है।
कई लोगों के लिए डीएमएफ फंड सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बन जाती है। लिहाजा डीएमएफ फंड को लेकर लगातार भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और बंदरबांट को लेकर शिकायतें भी आती रही है। कभी दवा खरीदी के नाम पर तो कभी इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर करोड़ों का गोलमाल किया गया। नयाभारत को मिली जानकारी के अनुसार जशपुर में 12 करोड़ की खरीदी की तो सिर्फ दवाई और स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर गोलमाल हुआ। उसी तरह कोरबा में भी 10 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी उजागर हुई। राजनांदगांव सहित कई जिलों में ऐसी ही शिकायतें आ रही है।
भारत सरकार के संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखे पत्र में कहा है कि कृपया डीएमएफ के गठन संबंधी अपने दिनांक 2.06.2021 के पत्र का अवलोकन करें जिसमें आपने डीएमएफ की शासी परिषद के अध्यक्ष के रूप में जिले के प्रभारी मंत्री को अनुमति देने के लिए खान मंत्रालय के दिनांक 23.04.2021 के आदेश को संशोधित करने के लिए अनुरोध किया है।
इस संबंध में उल्लेखनीय है कि खान मंत्रालय ने यह निदेश देते हुए दिनांक 23.04.2021 को आदेश जारी किया कि जिले के प्रशासनिक प्रमुख डीएमएफ के अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे और जिले में खनन प्रभावित क्षेत्रों के चयनित प्रतिनिधियों को डीएमएफ के उद्देश्यों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए देश के सभी खनन प्रभावित जिलों में शासी परिषद के सदस्यों के रूप में शामिल किया जाएगा। नयाभारत को मिली जानकारी के अनुसार इससे डीएमएफ के अंतर्गत निधि का सुचारू प्रबंधन सुनिश्चित होगा और डीएमफ के अंतर्गत परियोजनाओं के निष्पादन में जन प्रतिनिधियों की समस्याओं का समाधान भी होगा। अतः आपसे अनुरोध है कि दिनांक 23.04.2021 के आदेश के शीघ्र कार्यान्वयन के निदेश दें।