जगदलपुर। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत बस्तर जिले में टीबी को मिटाने के लिए एक बार फिर से "टीबी हारेगा बस्तर जीतेगा" अभियान प्रारम्भ किया जा रहा है। टीबी की सघन खोज एवं उपचार अभियान 10 सितंबर से 10 अक्टूबर-2021 तक चलाया जाएगा। अभियान के दौरान घर घर जाकर सर्वे किया जाएगा के लिए 2500 से अधिक टीम टीबी लक्षण मरीज की पहचान करेगी।
जिला टीबी उन्न्मूलन अधिकारी सी.आर.मैत्री ने बताया: “जिले में टीबी मरीजों की पहचान करने और टीबी के प्रति जागरूकता फलाने के उद्देश्य से 10 सितंबर से 10 अक्टूबर तक एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया जाएगा। जिलेवासियों से अपील है कि डोर टू डोर सर्वे में यदि टीम के सदस्य किसी के घर पहुंचे तो टीबी के लक्षण वाले व्यक्ति अपने रोग को छिपाएं नहीं, बल्कि लक्षणों के बारे में खुलकर बताएं। टीबी रोग की पुष्टि होने पर उनका समुचित इलाज होगा।‘’
उन्होंने बताया एक सप्ताह या अधिक समय की खांसी, लंबे समय से बुखार आने, लगातार वजह घटने, सीने में दर्द, बार बार लूज मोशन होने की स्थितियों में टीबी का जांच अवश्य करवाना चाहिए। इसके लिए अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में संपर्क किया जा सकता है। इलाज से टीबी की बीमारी पूरी तरह से ठीक हो सकती है। इलाज करवा रहे मरीज, टीबी रोधी दवा का पूरा सेवन करें। टीबी बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक का लक्ष्य तय किया है। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश को वर्ष 2023 तक टीबी से मुक्त करने का बीड़ा उठाया है।
टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो बैक्टीरिया के कारण फैलता है। इसे तपेदिक या ट्यूबरक्लोसिस भी कहा जाता है। टीबी रोग से पीड़ित व्यक्ति के खाँसने या छीकने से, टीबी के कीटाणु श्वसन के द्वारा स्वस्थ व्यक्ति के शरीर मे प्रवेश करके उसे संक्रमित करता है। यह आमतौर पर फेफड़ों से शुरू होती है। सबसे प्रमुख फेफड़ों की टीबी ही है लेकिन यह ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गला, हड्डी आदि शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है।
टीबी कार्यक्रम में जिले ने हासिल की यह बड़ी उपलब्धि
टीबी कार्यक्रम के अंतर्गत जिले की एक बड़ी उपलब्धि भी रही। छत्तीसगढ़ शासन राज्य क्षय कार्यालय के द्वारा छत्तीसगढ़ के समस्त जिलों के 15 पॉइंट इंडिकेटर रैंकिंग में बस्तर जिला वर्ष 2019 में चौथे स्थान में रहा। इसी प्रकार वर्ष 2020(जनवरी से दिसम्बर) में छत्तीसगढ़ राज्य में 88 अंको के साथ प्रथम स्थान पर रहा। जिला क्षय उन्मूलन केंद्र जगदलपुर की रिपोर्ट जनवरी 2020 से दिसम्बर 2020 के अनुसार जिले में संभावित टीबी व्यक्तियों की जांच संख्या 5,643 थी जिनमे 4,362 व्यक्तियों की जांच की गई। जांच के दौरान संक्रमित पाए गए 1,350 लक्षित मरीजों में से 95 प्रतिशत अथार्त 1,294 मरीजों का इलाज कर उन्हें टीबी मुक्त किया गया है।