भीलवाड़ा। जलधारा विकास संस्थान द्वारा मां कोटेश्वरी (कोठारी) नदी उद्गम दर्शन के लिए मोटरसाइकिल यात्रा शनिवार व रविवार दिनांक 10-11 जुलाई को निकाली जायेगी। यात्रा का शुभारंभ नंदराय के समीप कोठारी नदी के बनास में विलय स्थल देवरिया माताजी के स्थान से प्रातः 8:15 बजे होगा। यह यात्रा नंदराय, सवाईपुर, चान्डिया, भीलवाड़ा, बागोर होते हुये नदी के किनारे किनारे होते हुए इसके उद्गम स्थल दिवेर तक पहुंचेगी। जहाँ इसके उद्गम का दर्शन करेगी। कोठारी नदी का उद्गम दिवेर के रावत समाज के तालाब से है। जलधारा विकास संस्थान के अध्यक्ष महेश नवहाल ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य नदी पुनर्जीवन के लिए जन जागरण एवं नदी के किनारे स्थित वनस्पतियों का अध्ययन है। किस प्रजाति की वनस्पतियां, वृक्ष इस नदी के किनारे बहुत अच्छी स्थिति में फल फूल रहे हैं इसका डोक्यूमेन्ट तैयार किया जाएगा। साथ ही इस नदी की भौगोलिक स्थिति का भी अध्ययन इस यात्रा के द्वारा किया जाएगा। सचिव बालकृष्ण शर्मा ने बताया कि यात्रा मार्ग में कई स्थानों पर वृक्षारोपण किया जायेगा। यात्रा का रात्रि विश्राम बागोर में होगा तत्पश्चात 11 जुलाई रविवार को दोपहर 2:00 बजे लगभग यात्रा राजसमंद जिले के दिवेर पहुंचेगी। यात्रा कार्यक्रम में इस नदी के इतिहास , बहाव क्षेत्र में मिलने वाली धाराएं, नदी के किनारे स्थित वन क्षेत्र, पहाडी पठारी भूभाग आदि का अध्ययन भी इस यात्रा में साथ साथ चलेगा। संस्थान के उपाध्यक्ष आर के जैन ने बताया कि इस नदी के ऊपरी बहाव क्षेत्र में इस नदी का नाम कोटेश्वरी ही है। यात्रा में राजसमन्द स्थित खाखरमाला पंचायत के ग्राम टीकड जहां कोटेश्वर महादेव मन्दिर के दर्शन कर खाखरमाला बान्ध और गुणिया बान्धों का अवलोकन करेंगे। इस यात्रा का समारोप महाराणा प्रताप विजय स्मारक दिवेर के एतिहासिक स्थल पर होगा। तत्पश्चात दिवेर स्थित युद्ध स्थली स्मारक का भी दर्शन करेंगे।