छत्तीसगढ़ धमतरी...मूसलाधार बारिश ने सिस्टम के दावों की पोल खोलकर रख दी। बारिश में शहर की हर सड़क जलमग्न हो गईं..निचले क्षेत्र में लोगों के घरों में पानी घुस गया। बारिश के पानी की निकासी का सिस्टम कागजों में होता रहा लेकिन हकीकत में धराशायी हो गया...शहर की यह दशा हो गई हैं कि नाले, सड़क सभी एक दूसरे में मिल गए हैं और इनके ऊपर से पानी का बहाव हो रहा है। नालों में निकासी द्वार नहीं होने के कारण नाले में जमा गाद उल्टे सड़कों पर पसर गया। जिसके कारण लोगों को गंदे पानी से होकर गुजरना मजबूरी बन गयी।
नगर निगम के दावे बेशुमार थे, लेकिन उम्मीद कुछ ऐसी ही थी, जैसी शहर की सूरत मंगलवार को नजर आई। कल रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश से शहर के हर हिस्से में जलभराव हो गया। चोक नाले-नालियों से जलभराव, घरों में भरने वाला पानी से लोग परेशान होते नजर आए। इसमें मौसम और बरसात का कोई दोष नहीं था। खामी थी सिस्टम की। मानसून के पहले नगर निगम बारिश से निपटने के लिए बड़े-बड़े दावे कर रहा था। लेकिन मूसलाधार बारिश में ही दावे बह गए...
मंगलवार की बारिश में मलिन बस्ती हो या पॉश इलाका सभी जगह की सड़कें तालाब नजर आ रही थी। समेत कई मुहल्लों की मुख्य सड़कें पानी से डूबी नजर आया । वहीं कुछ लोगों के घरों में पानी घुस गया। धमतरी शहर के मिशन मैदान, बालक शाला स्कूल मैदान,रुद्री रोड के विभिन्न कालोनियों की गलियों में पानी भर गया है। राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता भी खेल मैदान में पानी भरने से प्रभावित हुआ है । बात करे अर्जुनी थाने की तो वहाँ भी अंदर रूम पूरा जलमग्न हो गया है...
शहर के स्टेशनपारा, विवेकानंद,सुन्दरगंज अठवानी गली, कालोनी के अटल आवास, बठेनापारा वार्ड, गोकुलपुर, रामपुर वार्ड के निचली बस्तियों में घुटने तक पानी भरा हुआ है, इससे वार्डवासियों की दिक्कत बढ़ गई है। लोगों ने बताया कि यहां पर हर साल जलभराव होता है लेकिन इसके बावजूद नगर निगम ने कोई इंतजाम नहीं किए..
बारिश की स्थिति...
जिले में 14 सितंबर की सुबह तक 87.8 मिलीमीटर औसत वर्षा हुई। इसमें जहां सबसे ज्यादा मगरलोड तहसील में 141.6 मिलीमीटर औसत वर्षा आंकी गई, वहीं सबसे कम धमतरी तहसील में 31.6 मिलीमीटर वर्षा हुई है। इसी तरह आज कुरूद तहसील में 126.5 मिलीमीटर, भखारा में 103.3 मिलीमीटर, कुकरेल में 73.2 मिलीमीटर और नगरी तहसील में 50.8 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है।