बिलासपुर,अरपा नदी में रेत के अवैध और बेतहाशा उत्खनन पर रोक की मांग का लेकर दायर जनहित याचिका पर बुधवार को कार्यकारी चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा व पीपी साहू की डिवीजन बेंच मे सुनवाई हुई,डिवीजन बेंच ने राज्य शासन व नगर निगम से पूछा है कि पिछली सुनवाई के दौरान जो निर्देश दिए गए थे उस पर कितना अमला हुआ,इसे लकर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं,जनहित याचिका पर अगली सुनवाई के लिए पांच जुलाई की तिथि तय कर दी हैं..
अरपा अर्पण महा अभियान समिति ने वकील अंकित पांडेय के जरिए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है,इसमें कहा है कि अरपा नदी से मापदंडों के पालन किए बगैर रेत का बेतहाशा उत्खनन किया जा रहा है,रेत उत्खनन में मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है,इसके चलते अरपा नदी के स्वरूप में बदलाव का खतरा भी पैदा हो गया है,नदी का पारिस्थतिक तंत्र(ईको सिस्टम) को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है,भविष्य में इस पर रोक नहीं लगी तो इससे नदी को बहुत ज्यादा नुकसान होगा...
याचिका में इस बात की जानकारी दी गई है कि रेत की खोदाई में धारणीय रेत खनन प्रबंधन गाइड लाइन 2016 का पालन नहीं किया जा रहा है,जनहित याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने राज्य शासन,खनिज विभाग व बिलासपुर नगर निगम को नोटिस जारी कर अवैध उत्खनन पर रोक लगाने और तय मापदंडों के अनुसार उत्खनन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे,बुधवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि डिवीजन बेंच द्वारा 23 फरवरी को जारी किए गए अंतरिम आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है,इसी प्रकार नदी में कुछ जगह पनप रही जलकुंभी को हटाने की दिशा में अभी भी काम बाकी है..
डिवीजन बेंच ने अवैध उत्खनन रोकने कलेक्टर को दिए थे निर्देश
प्रारंभिक सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने अरपा नदी में हो रहे अवैध उत्खनन पर प्रभावी तरीके से रोक लगाने के लिए कलेक्टर को निर्देश जारी किया था,अवैधानिक कामकाज पर प्रभावी तरीके से रोक लगाने की हिदायत भी दी थी,कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में जिला प्रशासन के साथ मिलकर मानिटरिंग करने निर्देश जारी किए थे..