बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का एक बयान और धूं धूं कर जलने लगा पूरा देश कौन है रजाकार जिसका नाम लेते ही भड़की हिंसा अब क्या है स्थिति जानें सब कुछ पढ़े पूरी ख़बर

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का एक बयान और धूं धूं कर जलने लगा पूरा देश। बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो रहा है।

स्वतंत्रता सेनानियों के बेटे-पोते को आरक्षण नहीं मिलेगा तो क्या रजाकारों के पोतों को मिलेगा...' 14 जुलाई का दिन था और पीएम शेख हसीना ने यही बयान एक इंटरव्यू में दिया। फिर क्या, पूरे देश में चल रहा प्रदर्शन हिंसक हो उठा।

प्रदर्शनकारियों ने उस सरकारी चैनल को भी आग के हवाले कर दिया जहां पीएम ने इंटरव्यू दिया था। हालात ऐसे हैं कि पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया और किसी भी प्रदर्शनकारी को देखते ही गोली मारने का आदेश दे दिया गया। हिंसा में अब तक 135 लोगों की मौत हो चुकी है।

 

6sxrgo

आखिर ये रजाकार कौन है (Who was Razakar) और इसके जिक्र भर से पूरा बांग्लादेश क्यों सुलग रहा है। रजाकार का 1971 के युद्ध से भी ताल्लुक है, आइए जानें सब कुछ...

कौन थे रजाकार?

बांग्लादेश में 'रजाकार' एक अपमानजनक शब्द माना जाता है जिससे पीछे बदनामी का एक इतिहास है। दरअसल, सन 1971 में बांग्लादेश का मुक्ति संग्राम शुरू हुआ था और उसी दौरान पाक सेना खूब अत्याचार कर रही थी।
पूर्वी पाकिस्तान कहलाने वाले बांग्लादेश में लोगों पर अत्याचार हो रहा था, उस समय पाक सेना ने बांग्लादेश में ईस्ट पाकिस्तानी वालेंटियर फोर्स बनाई। स्वतंत्रता संग्राम को दबाने के लिए तीन मुख्य मिलिशिया बनाए गए थे, जिन्हें रजाकार, अल-बद्र और अल-शम्स के नाम से जाना गया।
इन रक्षक सेनाओं ने बंगाल में नरसंहार का नंगा नाच किया और बंगाली औरतों का बलात्कार, प्रताड़ना और वहां के लोगों की हत्या तक कर दी। इसमें शामिल लोग अलग देश बांग्लादेश बनाने के विरोधी थे।
रजाकार एक अरबी शब्द है और इसका मतलब स्वयंसेवक से होता है। हालांकि, बांग्लादेश की जंग के बाद रजाकार को गद्दार के मतलब से पहचाना जाने लगा। रजाकार सेना ने पाक जनरल टिक्का खान के इशारों पर अपनों का ही खून बहाया था। टिक्का खान ने ही रजाकार सेना बनाई थी।
 

क्यों हो रहा बांग्लादेश में प्रदर्शन?

बांग्लादेश वर्ष 1971 में आजाद हुआ था और उसी समय वहां 80 फीसद कोटा सिस्टम लागू कर दिया गया। इसमें स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों के लिए 30 फीसद आरक्षण, पिछड़े जिलों के लिए 40 फीसद और महिलाओं को 10 फीसद आरक्षण मिला। बाकी का 20 फीसद सामान्य छात्रों के लिए रखा गया।

 

इसके बाद 1976 और 1985 में विरोध प्रदर्शनों के बाद पिछड़े जिलों का आरक्षण कम किया गया और सामान्य छात्रों का कोटा 45 फीसद हो गया। अब छात्र स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों के लिए 30 फीसद आरक्षण का विरोध कर रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट का आया बड़ा फैसला

इस हिंसक प्रदर्शन के बीच आज बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों के लिए 30 फीसद आरक्षण के कोटे को घटाकर 5 फिसद कर दिया और सामान्य लोगों के लिए 93 फीसद आरक्षण रखा।


bd247eee-188e-485b-b825-2fd63271fe47
IMG-6476
24299b4d-0445-4138-9eb4-e0ca0a459cca
37ed1c36-deb4-4252-a4bf-7b1831b55a06
7009edd1-0e22-452f-991f-1fc6b498025f


प्रदेशभर की हर बड़ी खबरों से अपडेट रहने नयाभारत के ग्रुप से जुड़िएं...
ग्रुप से जुड़ने नीचे क्लिक करें
Join us on Telegram for more.
Fast news at fingertips. Everytime, all the time.

खबरें और भी
08/Sep/2024

CM विष्णु देव साय डांस VIDEO: मुख्यमंत्री का अलग अंदाज, लोकधुन पर गजब थिरके, मांदर थामा, देखें वीडियो......

07/Sep/2024

CG ब्रेकिंग: यहां खुलेगा संगीत महाविद्यालय, CM विष्णुदेव साय ने की घोषणा....

07/Sep/2024

CG - सदियों बाद अब रोशन होगा छत्तीसगढ़ का ये गांव, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की विशेष पहल से चमक उठी पहाड़ी कोरवाओं की बस्ती.....

07/Sep/2024

CG- SI और आरक्षक निलंबित: यहां गंभीर लापरवाही, IG ने की सख्त कार्यवाही....

07/Sep/2024

CG - बहन के घर भाई ने की आत्महत्या : फांसी लगाकर दी जान, घर में नहीं था कोई, पेड़ से फंदे पर लटकी मिली लाश, जांच में जुटी पुलिस.....