पिछले सात दिनों से हड़ताल पर बैठे रशियन नागरिक की अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। कई अधिकारी रशियन नागरिक की शिकायत सुनने के लिए रीगल चौराहा स्थित गांधी प्रतिमा के नीचे बातचीत करने जरूर पहुंचे.
स्थानीय थाने के थाना प्रभारी जानकारी लेकर ऊपर भेजने की बात भी कहते नजर आए। लेकिन अब तक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की कान में हड़ताल पर बैठे रूसी नागरिक की आवाज नहीं पहुंची। अब पीड़ित ने गांधीवादी तरीके से अपनी बात पुलिस तक पहुंचाने का एक और तरीका ढूंढ निकाला। जिसमें अब रूस नागरिक इंदौर की जनता से मदद की गुहारलगते हुए सोशल मीडिया पर मैसेज लिखकर वायरल किया।
पीड़ित ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'इंदौर,मुझे मदद चाहिए। मैं, गौरव अहलावत, एक रूसी नागरिक इंदौर में एक कारखाना चला रहा था 2018 से। जहां 600 से अधिक श्रमिक काम कर रहे थे। 11 सितंबर को मेरे कारखाने पर अवैध तरीकों से कब्जा कर लिया गया और मुझे कारखाने में प्रवेश करने से रोक दिया गया। मुझे इंदौर में 3 दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया, पीटा गया, मेरे मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंपनी के दस्तावेज और सर्वर ले लिए गए। मैंने पुलिस को सीसीटीवी कवरेज और जाली दस्तावेजों के सबूत उपलब्ध कराए हैं, लेकिन पुलिस ने 15 सितंबर 2024 से एफआईआर दर्ज नहीं की है।'
उन्होंने आगे लिखा, 'इस अपराध की योजना संजय जैसवानी, यतेंद्र जोशी, संजय कलवानी, दिनेश मनवानी के अलावा 9 और लोगों द्वारा कामको च्यू फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में बनाई गई और उसे अंजाम दिया गया। जो आज तक अवैध रूप से मेरा कारखाना चला रहे हैं। मैं इंदौर शहर में अकेला रहता हूं। मेरे बुजुर्ग माता-पिता दिल्ली में रहते हैं और परिवार मास्को, रूस में रहता है।'