धमतरी...छत्तीसगढ़ में महिलाओं का प्रमुख त्योहार हरितालिका तीज शुक्रवार 6 सितंबर को मनाया जाएगा..परंपरा अनुसार बेटियां मायके पहुंचती है जिसकी वजह से बसों में जमकर भीड़ नजर आई... मायके वालों द्वारा बेटियों को कपड़े सहित सिंगार का समान दिया जाता है इस वजह से कपड़ा दुकानों में भी भीड़ रही.... गुरूवार शाम को महिलाएं करू भात खाएंगी और शुक्रवार को निर्जला तीज का उपवास रखेंगी...
हरतालिका तीज व्रत का महत्व...
हरतालिका तीज के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। माना जाता है कि हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। इस तप को देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया...तभी से मनचाहे पति की इच्छा और लंबी आयु के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है...इस व्रत पर सुहागिन स्त्रियां नए वस्त्र पहनकर, मेंहदी लगाकर, सोलह श्रृंगार कर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं...
हरतालिका तीज व्रत के नियम...ये व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है...अगले दिन सुबह पूजा के बाद जल पीकर व्रत खोलने का विधान है। इस दिन व्रत रखकर रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन और भगवान का ध्यान किया जाता है...अगले दिन सुबह पूजा के बाद किसी सुहागिन स्त्री को श्रृंगार का सामान, वस्त्र, खाने की चीजें, फल, मिठाई आदि का दान करना शुभ माना जाता है।