ओछी राजनीतिक और सत्ता की स्वार्थपूर्ति के लिए बस्तर में घोला जा रहा है जहर - नवनीत
बस्तर मे संविधान के आर्टिकल 25से 28 के मौलिक अधिकार को, पहले कांग्रेस और अब भाजपा सरकार, और प्रशासन स्थापित और संरक्षित करने में नाकामयाब - जनता कांग्रेस जे
शासन प्रशासन द्वारा समय रहते , गैर संवैधानिक गतिविधियों पर लगाम लगा, सांप्रदायिक शक्तियों पर अंकुश लगा, करें कड़ी कार्यवाही , बस्तर शांत प्रिय क्षेत्र, इसे मणिपुर नहीं बनने देंगे बस्तर वाशी
जगदलपुर : जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ पार्टी के सम्भागीय अध्यक्ष बस्तर के नवनीत चांद ने आने के प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए आरोप लगा भाजपा के साथ कांग्रेस पार्टी पर निजी स्वार्थ और महज ओछी राजनीति के लिए बस्तर में धर्म के नाम पर लड़ाने और भाईचारे को खत्म करने वाली पार्टी कहा है।
नवनीत ने कहा है कि सत्ता पर बैठी भाजपा पार्टी धर्मांतरण के बहाने मात्र जगदलपुर शहर के साथ समूचे बस्तर में साम्प्रदायिक जहर घोल रही यह सब नहीं चलेगा यह सब बस्तर के तासीर और मिजाज के खिलाफ है और दूसरी ओर विपक्ष में बैठी कांग्रेस चुप्पी साधे इस विषय को हवा देने लगी है नक्कारेपन लिए कांग्रेस पार्टी की यह पुरानी आदत है कि तवा भी कोई गर्म करके दे दे तो अपनी रोटी सेका जाये ..पर बस्तर में शांति और एकता के खिलाफ जहर घोलने वालों को ध्यान रहे कि हमारे यहाँ साम्प्रदायिकता के जड़े गहरे नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा कि वर्षों से बस्तर का ईसाई समुदाय ब्लेस बस्तर महोत्सव आयोजन की तैयारी कर रहे थे पर इसी आयोजन को जिस तरह असवैधानिक रूप से येन मौके पर सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन द्वारा अनुमति निरस्त किया गया।
उससे साफ हो जाता है प्रशासन दबाव में मात्र स्टाम्प पेड की तरह कार्य कर रही प्रशासन से इस बात का ध्यान भी नहीं रखा कि यह फैसला ईसाईयों की आस्था से जुड़ा है और बस्तर सभी अपनों के लिए एक सामान है किसी भी धर्म,समुदाय से जुड़ी आस्था दूसरे के लिए कम या ज्यादा नहीं हो सकता।
इस पर सवाल गंभीर है और जिसका समय रहते जवाब ढूंढना जरूरी है और यह जिम्मेदारी सभी का है पर एकदूसरे को लड़ाने वालों को यह समझनी चाहिये। बस्तर में पहले कांग्रेस और अब भाजपा की सरकार, भारतीय संविधान के आर्टिकल 25 से 28 धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार को जनमानस के बीच स्थापित करने और उसके संरक्षण करने में आज पर्यंत तक असफल साबित हो रही है! यदि शासन प्रशासन द्वारा समय रहते, गंभीर समस्याओं का हल नहीं निकल गया, तो यह सांप्रदायिक शक्तियां अपने और असंवैधानिक गतिविधियों से बस्तर को मणिपुर बना देंगे, बस्तर एक शांतिप्रिय क्षेत्र है! बस्तर का प्रत्येक निवासी, भाजपा और कांग्रेस की ओछी और स्वार्थ पूर्ण राजनीति राजनीति के लिए बस्तर में आपसी भाईचारे, धार्मिक सौहद्र को बिगड़ने नहीं देगा, और ना बस्तर को मणिपुर बनने देगा।