सुकमा। महामहिम राष्ट्रपति के नाम सुकमा तहसीलदार को सर्व आदिवासी समाज ने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज रायपुर छत्तीसगढ़ के प्रांतीय आह्वान पर 13 सूत्री मांगों को लेकर दिनांक 19 /07/ 2021 को सर्व आदिवासी समाज जिला सुकमा द्वारा सभी विकासखंड स्तर पर कोविड 19 को पालन करते हुए धरना प्रदर्शन किया गया । जिसमें सर्व आदिवासी समाज के प्रमुख मांगे निम्नानुसार है :-
1.जिला सुकमा के ग्राम सिलेंगेर में शांतिपूवर्क आंदोलन कर रहे निर्दोष आदिवासियों के ऊपर अंधाधुंध गोलीबारी करने वाले के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर परिवार को न्याय प्रदान किया जानें, एवं मृतकों के परिजनों को 50 लाख और घायलों को 5,00000 एवं मृतकों के परिवार के एक सदस्य को योग्यता अनुसार शासकीय नौकरी दिया जाने,
2. बस्तर संभाग की नक्सल समस्या पर स्थायी समाधान हेतु सभी पक्षों से समन्वय स्थापित कर स्थायी समाधान की ओर राज्य सरकार द्वारा शीघ्र पहल किया जानें,
3. पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में जब तक माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन समाप्त नहीं हो जाता तब तक किसी भी हालत में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पदोन्नत रिक्त पदों को नहीं भरे जाने , उसे सुरक्षित रखे जाने और जितने सामान्य वर्ग के अधिकारी /कर्मचारी अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पदों पर नियम विरुद्ध पदोन्नत हुए उसे तत्काल पदावनत किया जाकर पदोन्नति नियम 2003 एवं आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 06 नियम 1998 एवं समय-समय पर जारी निर्देशों का उल्लंघन कर नियम विरुद्ध पदोन्नत देने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही कर एवं आरक्षण अधिनियम 1994 के तहत दंडात्मक कार्रवाई करने
4.शासकीय नौकरी में बैकलाग एवं नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जाने,
5. पांचवी अनुसूची क्षेत्र में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती में मूल निवासियों की शत प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाने, संभाग एवं जिला स्तर पर भर्ती कराया जाने,
6. प्रदेश में खनिज उत्खनन के लिए जमीन अधिग्रहण की जगह लीज में लेकर जमीन मालिक को शेयर होल्डर बनाए जाने, गांव की समुदायिक गौण खनिज का उत्खनन एवं निकासी का पूरा अधिकार ग्राम सभा को दिया जाने, ग्राम सभा के द्वारा स्थानीय आदिवासी समिति के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को खनिज पट्टा दिया जाने,
7.फर्जी जाति प्रकरण पर दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई हो, छत्तीसगढ़ राज्य के 18 जनजातियों की मात्रात्मक त्रूटि में सुधार किया जा कर उन्हें जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाकर उन्हें अनुसूचित में उल्लेखित जनजातियों का जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं करने वाले संबंधित अधिकारी पर कार्यवाही किया जाने,
8. छात्रवृत्ति योजना में आदिवासी विद्यार्थियों के लिए आय 2.50 लाख की पात्रता सीमा समाप्त किया जाने,
9.आदिवासी समाज की लड़कियों से अन्य गैर आदिवासी व्यक्ति से शादी होने पर उक्त महिला को जनजाति समुदाय के नाम से जारी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर जनप्रतिनिधित्व, शासकीय सेवा तथा जनजाति समूह समुदाय की जमीन खरीदी पर रोक लगाने के लिए संबंधित अधिनियम में आवश्यक संशोधन किया जाने,
10. आदिवासियों पर उत्पीड़न जैसे जमीन का हस्तांतरण महिला एवं बच्चों पर अत्याचार, हत्या जातिगत अपमान, पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत पीड़ित की प्राथमिकी दर्ज नहीं किया जा रहा है। पीड़ित को एफ आई आर दर्ज करवाने के लिए अजाक थाना के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इस पर राज्य सरकार कड़ाई से विशेष निर्देश जारी कर पालन करवाया जाने,
11. वन अधिकार कानून 2006 कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करवाया जाने,
12. पेसा कानून की क्रियान्वयन नियम तत्काल बनाकर अनुपालन सुनिश्चित करवाये जाने ,
13.अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों को नियम विरुद्ध नगर पंचायत बनाया गया है। इन नगर पंचायतों को विखंडित कर पुनः ग्राम पंचायतों में परिवर्तित किया जाने, की मांग को लेकर सर्व आदिवासी समाज प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन के आव्हान पर सुकमा मुख्यालय के सुकमा विकासखंड में 13 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य सरकार गंभीरता पूर्वक विचार कर 15 दिवस के अंदर निर्णय कर समाज को समुचित माध्यम से सूचित किया जाने की मांग की अन्यथा सर्व आदिवासी आंदोलन के द्वितीय चरण के रूप में जिला मुख्यालय मेंबर बन जाइए आंदोलन प्रारंभ करने का बाध्य होगी।इस अवसर पर सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष-श्री पोज्जा मरकाम, सचिव दीपक बारसे,कोया समाज जिला अध्यक्ष-वेको हुंगा,सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रकोष्ठ सरक्षक-श्री गंगा सोड़ी, जिलाध्यक्ष- रामदेव बघेल, सचिव-सोमारू कलमू, कोषाध्यक्ष -लखमा कवासी, आयतू कोरसा ,मासा सोड़ी ,भीमा वडो,हेमला मंगलू, हुंगा मरकाम, आदिवासी नेता रामा सोड़ी,हड़मा मरकाम, छात्र नेता महेश कुंजाम,उमेश मरकाम,लैखन बघेल,हुंगा , महेश बघेल ,प्रलाद मंडावी उपस्थित रहे।