सुकमा 27 जून। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए जिले के गोंगला ग्राम में शत प्रतिशत टीकाकरण किया गया है। 45 से अधिक उम्र के 286 ग्रामीणों ने कोरोना महामारी में अपनी जागरूकता का परिचय देते हुए कोविड वैक्सीन का दोनों टीका लगवाकर जिले में सबसे पहले स्थान में जगह बनाई है। वहीं ग्राम के 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों ने भी अपना पहला डोज पूर्ण कर लिया है। ग्रामीणों का टीके के प्रति विश्वास को देखते हुए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग जल्द ही इसे पूर्ण टीकाकृत ग्राम बनाने की तैयारी में जुट गए हैं।
जनपद पंचायत सुकमा के सीइओ कैलाश कश्यप ने बताया: " गोंगला ग्राम में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगो का शत-प्रतिशत टीकाकरण हुआ है जिसमें 45 से 59 वर्ष के 192 व 60 वर्ष या उससे अधिक के 94 लोगों सहित कुल 286 शामिल है| यह उपलब्धि प्राप्त करने वाला गोंगला, जिले का एकमात्र ग्राम पंचायत है। हमारा प्रयास है कि सुकमा जनपद के अंतर्गत आने वाले सभी ग्रामों में शत-प्रतिशत टीकाकरण करा लिया जाए जिससे इन ग्रामों में कोरोना की तीसरी लहर का कोई असर न हो सके।‘’
उन्होंने बताया शुरुआती चरणों मे टीके के प्रति ग्रामीणों में भ्रम की स्थिति अधिक थी। ऐसे में जो लोग टीका लगवाने के इच्छुक नहीं थे, उन्हें घर-घर जाकर टीका लगाने के लिए प्रोत्साहित किया तथा टीके के फायदे बताए गये। इसमें ग्राम के सरपंच और सचिव की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने और अन्य जनप्रतिनिधियों ने लोगों को टीकाकरण के लिए काफी प्रोत्साहित किया। साथ ही स्वास्थ्य अमले के अथक प्रयास भी मददगार रहे हैं।
जिला सीएमएचओ डॉ सी.बी.पी. बंसोड़ ने बताया जिले के सभी गांव में टीकाकरण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गये जिसके बाद से सभी गांव में शत-प्रतिशत टीकाकरण किए जाने के लक्ष्य को लेकर तेजी से काम हो रहा है। जिलेवासियों को कोरोना महामारी से बचाव के लिये व कोविड वैक्सीन के महत्व के बारे में जानकारी साझा करने व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार और जागरूकता का कार्य किया जा रहा है।
ग्राम सचिव जगदीश नायक ने बताया स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के तत्परता से इस गांव में टीकाकरण किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अमले ने लोगों को टीकाकरण के लाभों के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए काउंसलिंग की थी|. जिन लोगों में टीकाकरण को लेकर संशय था। उन्हें लगातार समझाईस देकर टीका लगवाने के लिये जागरूक किया गया। इसकी वजह से यह परिणाम देखने को मिला। वर्तमान में केवल 26 गर्भवती व शिशुवती महिलाओं का ही टीकाकरण नहीं हुआ है।