नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) को विकसित करने की अनुमति प्रदान की है। भारत की समुद्री विरासत का सम्मान करते हुए 22,000 से अधिक नौकरियां सृजित करना उद्देश्य होगा। एनएमएचसी परियोजना के विकास में 15 हजार प्रत्यक्ष और 7 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन के साथ लगभग 22 हजार रोजगारों का सृजन होगा। यह परियोजना दो चरणों में पूर्ण की जाएगी।
मंत्रिमंडल ने चरण 1 बी और दूसरे चरण को मॉस्टर प्लान के अनुसार स्वैच्छिक संसाधनों तथा योगदान के द्वारा निधि जुटाने और निधि जुटाने के बाद इसके कार्यान्वयन को भी सैद्धांतिक रुप से अनुमति प्रदान की। चरण 1 बी के अंतर्गत लाइट हाउस संग्रहालय के निर्माण को दीपस्तंभ और दीपपोत महानिदेशालय (डीजीएलएल) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। लोथल,गुजरात में एनएमएचसी के कार्यान्वयन,विकास,प्रबंधन और संचालन के लिए सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के अंतर्गत केंद्रीय पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री की अध्यक्षता में एक अलग अधिशासी परिषद स्थापित की जाएगी। यह परिषद भविष्य के चरणों को विकसित करेगी।
परियोजना के अंतर्गत 1 ए चरण का कार्यान्वयन स्तर पर है और 60 प्रतिशत से अधिक भौतिक प्रगति के साथ वर्ष 2025 तक इसके पूर्ण होने की आशा है। परियोजना के अंतर्गत चरण 1 ए और 1 बी को ईपीसी मोड में विकसित किया जा रहा है और एनएमएचसी को विश्व स्तरीय विरासत संग्रहालय के रुप में विकसित करने के लिए दवितीय चरण को भूमि उपपट्टे/पीपीपी द्वारा विकसित किया जाएगा।
लाभार्थियों की संख्या
एनएमएचसी के क्रियान्वयन से विकास को प्रोत्साहन मिलने के साथ स्थानीय समुदायों,पर्यटकों और आगुंतकों,अनुसंधानकर्ताओं और अध्येता,सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों, सांस्कृतिक संस्थानों, पर्यावरण और संरक्षण समूह तथा व्यवसायों को बड़ी सहायता मिलेगी।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत की 4500 वर्ष पुरानी समृद्ध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने की परिकल्पना के अनुरुप पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय लोथल में एक विश्व स्तरीय राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) की स्थापना कर रहा है। एनएमएचसी का मास्टर प्लान प्रसिद्ध वास्तुशिल्प फर्म मैसर्स हफीज कॉनट्रैक्टर ने तैयार की है और 1 ए चरण का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट लिमिडेट को सौंपा गया है।
1 ए चरण में 6 दीर्घा सहित एमएचएमसी संग्रहालय स्थापित होगा, इसमें देश में सबसे बड़ी भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल पर केंद्रित दीर्घा भी सम्मिलित होगी इसमें बाह्य नौसेना शिल्पकृति( आईएनएस निशंक,सी हैरियर युद्धक विमान,यूएच3 हैलीकॉप्टर), खुली जलीय दीर्धा से घिरी लोथल शहर की प्रतिकृति और जेटी पैदल मार्ग सम्मिलत है। 1 बी चरण में 8 अधिक दीर्घा के साथ एमएचएमसी संग्रहालय, विश्व में सबसे ऊंचा लाइट हाउस वाला संग्रहालय,बगीचा परिसर( लगभग 1500 कारों के लिए पार्किंग सुविधा,खाद्य हॉल,स्वास्थ्य केंद्र) स्थापित किया जाएगा।
द्वितीय चरण में तटीय राज्य मडंप( संबधित तटीय राज्यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा विकसित किए जाएंगे) आथित्य़ जोन(समुद्री विषय, इको रिसार्ट और म्यूजिकोटल) वास्तविक समय में लोथल नगर को पुन: सृजित करना,समुद्री संस्थान और छात्रावास, 4 थीम आधारित पार्क( समुद्री और नौसेना थीम पार्क, जलवायु परिवर्तन थीम पार्क, पर्वत पार्क तथा साहसिक कार्य तथा मनोरंजन पार्क) स्थापित किए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रो में सड़क निर्माण को अनुमति प्रदान की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सीमावर्ती क्षेत्रों में आधारभूत ढ़ांचे को विकसित करने पर बल देते हुए राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में 4,406 करोड़ रुपए के निवेश से 2,280 किलोमीटर लंबी सड़कों के निर्माण को अनुमति प्रदान की है। यह परियोजना सीमावर्ती क्षेत्रों में देश के अन्य क्षेत्रों के समान सुविधाओं को विकास करने पर विशेष ध्यान केंद्रित करने की भावना का परिणाम है। इस निर्णय का सड़क और दूरसंचार संपर्कता,पेयजल वितरण,स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधा पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। इससे ग्रामीण आजीविका में वृद्धि होने के साथ-साथ, सुगम परिवहन और इन क्षेत्रों का अन्य राजमार्ग नेटवर्क से संपर्क भी सुनिश्चित होगा।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत कैबिनेट ने जुलाई, 2024 से दिसंबर, 2028 तक निशुल्क फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति जारी रखने को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं आदि सहित सरकार की सभी योजनाओं के तहत पोषण युक्त (फोर्टिफाइड) चावल की सार्वभौमिक आपूर्ति को इसके वर्तमान स्वरूप में जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है।
चावल को पोषण युक्त करने की पहल पीएमजीकेएवाई (खाद्य सब्सिडी) के हिस्से के रूप में भारत सरकार द्वारा 100 प्रतिशत वित्त पोषण के साथ केंद्रीय क्षेत्र की एक पहल के रूप में जारी रहेगी। इसके कार्यान्वयन के लिए एक एकीकृत संस्थागत तंत्र प्रदान किया जाएगा।
देश में पोषण सुरक्षा की आवश्यकता पर 75वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के संबोधन के अनुरूप, देश में एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए "लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस), अन्य कल्याणकारी योजनाओं, एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस), सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में पीएम पोषण (पूर्ववर्ती एमडीएम) के माध्यम से पोषण युक्त चावल की आपूर्ति" पहल शुरू की गई। अप्रैल 2022 में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने मार्च 2024 तक चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में पोषण युक्त चावल को उपलब्ध कराने की पहल को लागू करने का निर्णय लिया। अब तक सभी तीन चरण सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं और सरकार की सभी योजनाओं में पोषण युक्त चावल की आपूर्ति के लिए सार्वभौमिक कवरेज का लक्ष्य मार्च 2024 तक हासिल कर लिया गया है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के 2019 और 2021 के बीच किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में एनीमिया अभी भी एक व्यापक स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है, जो विभिन्न आयु समूहों और आय स्तरों के बच्चों, महिलाओं तथा पुरुषों को प्रभावित करती है। आयरन की कमी के अलावा, विटामिन बी12 और फोलिक एसिड जैसे अन्य विटामिन और खनिज की कमी देश की आबादी के समग्र स्वास्थ्य और उत्पादकता को प्रभावित करती है।
खाद्य पदार्थों को पोषण युक्त बनाने की प्रक्रिया का उपयोग दुनिया भर में लोगों में एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी उपाय के रूप में किया गया है। भारतीय संदर्भ में सूक्ष्म पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए चावल एक आदर्श साधन है क्योंकि देश की 65 प्रतिशत आबादी चावल का उपयोग मुख्य भोजन के रूप में करती है। चावल फोर्टिफिकेशन में एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार नियमित चावल (कस्टम मिल्ड राइस) में सूक्ष्म पोषक तत्वों (आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी 12) से भरपूर पोषण युक्त हिस्से (राइस कर्नेल) को शामिल किया जाता है।