बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट व जिला न्यायालयों में अब आरटीआई के तहत जानकारी के लिए कोर्ट जाने की जरूरत नहीं है। आनलाइन वेबपोर्टल के जरिये जानकारी मिलेगी। गुरुवार से इस नई व्यवस्था की शुरुआत हो गई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इसकी शुरुआत कर दी है।
पारदर्शिता व नागरिकों तथा वादकारियों को सुविधा प्रदान करने व सशक्त बनाने की दिशा में एक नए अध्याय की शुरूआत करते हुए छत्तीसगढ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने हाई कोर्ट तथा राज्य के समस्त जिला न्यायालयों के लिए "आनलाइन आरटीआइ वेब पोर्टल" का शुभारंभ किया।
इस पोर्टल के माध्यम से सूचना के अधिकार के तहत् आवेदनों को प्रस्तुत किया जा सकता है और उन्हें रियल टाइम ट्रैक किया जा सकता है। इसके माध्यम से सूचना के अधिकार के तहत् लगने वाले शुल्क का भुगतान भी किया जा सकता है। आरटीआइ वेब पोर्टल के माध्यम से दुनिया के किसी भी स्थान से सूचना प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जा सकेगा ।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि आनलाइन पोर्टल पारदर्शिता, जवाबदेही व नागरिक सशक्तीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। इस वेबपोर्टल का उद्देश्य।नागरिकों को सूचना प्राप्त करने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी, पारदर्शी व सुलभ बनाना है।
यह वेबपोर्टल एक केन्द्रीय प्लेटफार्म की तरह कार्य करेगा। जहां नागरिक सूचना के अधिकार के तहत् आवेदन को प्रस्तुत कर सकेंगे और उसके प्रगति को ट्रैक कर सकेंगे। सूचना प्रदान करने वाले अधिकारी की प्रतिक्रियाओं को तत्काल जान सकेंगे और यदि असंतुष्ट हैं तो अपील कर सकेंगे।
वेब पोर्टल नागरिकों को सूचना प्रदाता अधिकारियों से सूचना प्राप्त करने के संबंध में आमूलचूल परिवर्तन लाने वाला होगा। यह नागरिकों को सूचना प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाएगा और लोक प्राधिकारियों को और अधिक जवाबदेह बनाते हुए एक पारदर्शी व उत्तरदायी प्रशासन को सुनिश्चित करेगा।