नया भारत डेस्क : – गरियाबंद जिले के उदंती अभ्यरण जो राज्य पशु वनभैंसो के लिए पूरे प्रदेश में विख्यात है। उदंती अभ्यरण से एक बडी खबर निकलकर आ रही है की एक मात्र मदा वनभैंसा जो उदंती अभ्यरण में 07 वर्ष की थी जिसको संरक्षण व संर्वधन केन्द्र में रखा गया था।
वनभैसा के संरक्षण व संवर्धन को बढ़ाने की कोशिशों को बड़ा धक्का लगा है। छत्तीसगढ़ की इकलौती बची मादा वनभैसा की मौत हो गयी है। गरियाबंद के उदंति अभ्यारण्य में प्रदेश की इकलौती बची वनभैसा रखी गयी थी। खुशी नाम की ये मादा वनभैसा दो दिनों से बीमार थी, करीब 4 बजे खुशी नाम की मादा वनभैसा की मौत हो गयी।
इधर इकलौती बची मादा वनभैसा की मौत के बाद हड़कंप मच गया है। वन विभाग के टॉप अधिकारी उदंति अभ्यारण्य पहुंच रहे हैं। आपको बता दें कि वनभैसा के संरक्षण और संवर्धन को लेकर वन विभाग काफी चिंतित था
पिछले कई सालों से मादा वनभैसा को लेकर वैज्ञानिक पद्धति से भी मादा ब्रिडिंग की कोशिशें की जा रही थी, लेकिन अभी तक वन विभाग को कामयाबी नहीं मिली थी, इसी बीच मादा वनभैसा की मौत हो गयी
बरहाल जो भी हो उंदती अभ्यरण में राजकीय पषु एक मात्र बची मदा वनभैंसा की मौत से पूरे प्रदेश को बहुत बडी क्षती पंहुची है और इस मदा वनभैंसा की मौत की पुष्टि उंदती सीता नदी टाईगर रिजर्व के उप निदेशक आयुष जैन ने की है।