जल्दी कर लो, अगला नाविक आपसे प्रेम करे न करे, आपको तवज्जो दे न दे
इस भूल और भ्रम के देश में गुरु की समर्थता, शक्ति, मदद, सच्चाई पर अविश्वाश पैदा कराने वाले आदमी मिल जाते हैं, रहो सावधान
सीकर (राजस्थान) : निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, टेकी या लकीर के फ़क़ीर न बनने की शिक्षा देने वाले, वक़्त के गुरु से ही काम होगा - इसकी याद बराबर दिलाने वाले, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज ने 16 अगस्त 2021 सांय सीकर (राजस्थान) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि गुरु ने डोर लटका दिया है, समझ लो नाव लगा दिया है, लेकिन जो गुरु महाराज के नामदानी बैठे हो, अब आपको विश्वास के साथ करने की जरुरत है। अगर नहीं बैठ पाओगे तो नाव चली जायेगी, फिर इन्तजार करना पड़ेगा, फिर कब आती है नाव, क्या होता है, क्या पता? आपके कर्म कुछ ऐसे बन जाए कि आप फंस जाओ, दुसरा कोई आवे, दुसरा पतवार लेकर के कोई नाविक आवे, आपसे कितना प्रेम करे, क्या करे, किस तरह करे, कैसे आपको तवज्जो दे, ये तो समय परिस्तिथि के अनुसार आपको मालुम पड़ेगा, इसलिए अभी तो दया बराबर काम कर रही है, शरीर से तो चले गए लेकिन अभी आपके साथ हैं।
यह भूल और भ्रम का देश है
देखो जगह-जगह भ्रम पैदा हो जाता है। जगह-जगह आदमी मिल जाते हैं और सुमिरन ध्यान भजन का जो रास्ता बताया जाता है, इससे अलग कर देते हैं, गुरु को भुलवा देते हैं। जो इस वक्त पर एक स्तंभ, खंभे की तरह से हैं। जैसे कोई समुद्र में डूब रहा हो और उसको कोई खम्भा मिल जाए, उसे पकड़ ले, जान बच जाए, इस तरह से इस समय पर गुरु होते हैं। लेकिन उनको भी लोग न समझ करके भ्रम और भूल में डाल देते हैं। भ्रम हो जाता है कि गुरु सच्चे हैं या नहीं है, समर्थ है या नहीं है, मदद करेंगे या नहीं करेंगे, यह नाम जो मिला है यह शब्द है या नहीं है। तो यह भ्रम और भूल का देश है। लेकिन कुछ चीज ऐसी है, जो बराबर याद करते रहना चाहिए। याद रखना भी पड़ता है जैसे यदि कोई नहाना-धोना भूल जाए तो रोग हो जाएगा। भोजन नहीं मिलेगा तो शरीर चलेगा नहीं। सेवा, नौकरी, कोई काम व्यापार नहीं करेगा तो कहां से खाएगा? तो यह चीज हो जाती है याद। अब बराबर आने-जाने से, ध्यान भजन पर बराबर बैठने से, यह याद हो जाता है।
जरूरी बातों को लिखकर रखो और लोगों को बराबर बताते, याद कराते रहो
क्योंकि लिखकर नहीं रखोगे तो आप भी भूल जाओगे। जरूरी बातें जो ज्यादा जरूरी रोज की होती है, वह बातें छूट जाती है। नई-नई बातें आ जाती है। इसलिए जो जरूरी बातें हैं, उसको लिखकर रखो। और बराबर उसको याद कराते रहो। तो जब याद आया हनुमान को, का चुप साधि रहेहु बलवाना, पवन तनय बल पवन समाना, बुधि बिबेक बिग्यान निधाना। तब वह खड़े होकर ऐसे देखे, एकदम सक्रिय हो गए। ऐसी जब कोई चीज बताया जाता है की गुरु महाराज बड़ा मिशन हमारे-आपके लिए छोड़कर के गए, गुरु महाराज को आपसे उम्मीद रहा, आपको पढ़ाया-लिखाया, गुरु महाराज की दया से ही पढ़े-लिखे, गुरु महाराज की दया से ही धन-दौलत आपको मिला, गुरु महाराज के पास आने-जाने लगे तो घर बन गया, आपका स्तर वैसा नहीं था लेकिन वो स्तर भी हो गया। और आप गुरु के लिए क्या कर रहे हो? गुरु के लिए कितना समय निकाल रहे हो? तब कहते हो बताइए, अब क्या करना है। तब कहा जाता है, प्रचार करो, लोगों को जगाओ, शाकाहारी नशा मुक्त बनाओ, अपराधी प्रवृत्तियों से हटाओ, देश भक्ति, मानव भक्ति सिखाओ, देवी-देवता भगवान के प्रति आस्था पैदा करो, किसी की निंदा बुराई में लोग न फंसे, यह बात लोगों को बताओ। तो आपके अंदर जोश आता है, तब आप चल पडते हो, काम करते हो, शरीर से सेवा करते हो।