अमेरिका, लंदन, दुबई, मॉरिशस सहित कई देशों से आये भक्त ले रहे सतसंग का लाभ
उज्जैन (म.प्र.)। बाबाजी का कहना है, शाकाहारी रहना है- जैसा नारा देने वाले, लोगों से शराब, मांस, अंडा, मछली आदि के सेवन को त्यागने की प्रार्थना कर, वैचारिक क्रांति से करोड़ों लोगों के जीवन में भारी परिवर्तन, सुधार कर उनके भौतिक और आध्यात्मिक विकास का मार्ग प्रशस्त करने वाले विलक्षण महापुरुष निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के तीन दिवसीय दसवें वार्षिक तपस्वी भंडारे के प्रथम दिन 26 मई 2022 को सायंकाल की बेला में उज्जैन आश्रम से दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित सतसंग में बाबाजी के सार्वजनिक रूप से घोषित उत्तराधिकारी, पक्के शिष्य, इस समय के मौजूदा पूर्ण समर्थ सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि
दरस परस मज्जन अरु पाना।
हरइ पाप कह बेद पुराना॥
दर्शन से, स्पर्श से कर्म कटते हैं, एक-दूसरे का लेना-देना अदा हो जाता है। महाराज जी ने बताया कि लेना-देना किसको कहते हैं। जैसे आपने अपने लड़के को पढ़ाया, मेहनत किया, गाय बैल, जमीन जायदाद बेच कर पढ़ाया-लिखाया और वह नौकरी करने दूसरे बड़े शहर, दूसरे देश में चला गया। प्रेम श्रद्धा है, रुपया तो भेज देता है लेकिन बुढापे में आपकी सेवा नहीं करता है। नोट कोई खाता, पीता चबाता नहीं है लेकिन अब दूरी हो गयी। किसी की लड़की, लड़का मर गया, बिछड़ गया, यह सब लेना-देना होता है। तो यहां सतसंग में जब आते हो तो एक-दूसरे का लेना-देना अदा हो जाता है।सतसंग में आने से ही पूरी जानकारी, पहचान हो पाती है। इसलिए सन्त सतगुरु के सतसंग में बराबर आते-जाते रहना चाहिए।
बाबा उमाकान्त जी के वचन/स्क्रॉल
सुख से धरती पर रहना है तो शाकाहारी रहना है।
तजो नशा शाकाहार अपनाओ, जीवन के सारे सुख घर बैठे पाओ।
जाति पाति का भेद भुलाओ, मानववाद से सुख शांति पाओ।
लंबे समय तक जीना है तो शाकाहारी रहना है।
घर घर मानव धर्म फैलाओ, घर बैठे प्रभु दर्शन पाओ।