रायपुर 10 जुलाई 2021। राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक 1 जून 2021 से अब तक राज्य में 345 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। छत्तीसगढ़ में समय से पहले आया मानसून अब तक मेहरबान रहा है। 345 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है। यह सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक है। मौसम विभाग ने आज कुछ स्थानों पर भारी वर्षा और वज्रपात की आशंका जताई है।
कल से कई स्थानों पर लगातार वर्षा की झड़ी लगने के संकेत मिल रहे हैं। एक पूर्व-पश्चिम शियर जोन 20 डिग्री उत्तर में 3.1 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर तक विस्तारित है। एक द्रोणिका दक्षिण पंजाब से उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक दक्षिण हरियाणा, दक्षिण उत्तर प्रदेश, झारखंड और उत्तर उड़ीसा होते हुए 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर-पश्चिम झारखंड और उसके आसपास 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके प्रभाव से आज प्रदेश के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
प्रदेश में गरज चमक के साथ एक-दो स्थानों पर वज्रपात होने तथा भारी वर्षा होने की संभावना है। मौसम पूर्वानुमानों के मुताबिक 11, 12 और 13 जुलाई को भी प्रदेश के कुछ स्थानों पर भारी बरसात और वज्रपात की मध्यम स्तर की चेतावनी जारी हुई है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि 11 अगस्त से प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर रुक-रुककर हल्की से मध्यम वर्षा होते रहने की संभावना बन रही है। इससे हवा में नमी बढ़ी रहेगी। मौसम विभाग ने प्रदेश के कई इलाकों में गरज-चमक के साथ अंधड़ चलने की आशंका जताई है। इस दौरान आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका जताई जा रही है।
एक चक्रीय चक्रवाती घेरा तटीय उड़ीसा और उसके आसपास 2.1 किलोमीटर से 3.6 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। एक द्रोणीका उत्तर- पश्चिम राजस्थान से पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक पूर्वी राजस्थान, उत्तर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा होते हुए 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। पूर्व-पश्चिम shear zone 20 डिग्री उत्तर में 3.1 से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है।
कल दिनांक 11 जुलाई को प्रदेश के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ भारी वर्षा होने तथा वज्रपात होने की संभावना है। भारी वर्षा का क्षेत्र मुख्यतः दक्षिण छत्तीसगढ़ जाने की संभावना है। प्रदेश में अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।