शिक्षक दिवस के पूर्व दिन शनिवार को मस्तूरी क्षेत्र के स्कूलों में मनाया गया शिक्षक दिवस जिसमें छात्र छात्राओं ने अपने प्रिय गुरुजनों को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद लिया बताते चलें कि 5 सितंबर शिक्षक दिवस इस बार रविवार को पड़ रहा है जिसके कारण मस्तूरी क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों में छात्र छात्राओं के द्वारा 1 दिन पूर्व ही शिक्षक दिवस मनाया गया शासकीय पातालेश्वर महाविद्यालय मस्तूरी में भी छात्र-छात्राओं ने अपने गुरुजनों को लेखनी व श्रीफल भेट कर आशीर्वाद लिया इस अवसर पर हायर सेकेंडरी स्कूल बुढ़ीखार के प्रभारी प्रिंसिपल काशीराम रजक ने बताया कि हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था इसलिये अध्यापन पेशे के प्रति उनके प्यार और लगाव के कारण उनके जन्मदिन पर पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। उनका शिक्षा में बहुत भरोसा था साथ ही वह अध्येता, राजनयिक, शिक्षक और भारत के राष्ट्रपति के रुप में भी प्रसिद्ध थे साथ-साथ रजक सर ने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं व बधाई दिया आपको यह भी बताते चले की
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बुढ़ीखार में पदस्थ व्याख्याता काशीराम रजक 2008 से कार्यरत हैं। वक्त की पाबंदी,कभी भी अपने जीवन में दायित्व से पीछे नहीं रहने वाले शिक्षक की प्रशंसा छात्र एवं ग्रामीण करते हैं। इन्होंने पढ़ाई में कसावट लाने के लिए अनेकों बार स्वयं पुरस्कार की व्यवस्था किया। गरीब छात्रों को आर्थिक सहयोग कर आगे बढ़ाया है। सहज सरल ,मिलनसार व्यक्तित्व के धनी रजक सर शाला के हर गतिविधि में भाग लेते हैं ऐसे ही एक शिक्षक ईश्वर श्रीवास है जो मस्तूरी के ग्राम कुकुरदीकला में अपनी सेवा दे रहे है ये जब पढ़ाने लगते है तो बच्चो को क्लास में बुलाना नहीं पड़ता न ही कोई बच्चा इनका क्लास छोड़ता है कभी कभी ये ओवर टाइम भी बच्चो को पढ़ाते है और समय से पहले भी स्कूल खोल कर बच्चो को पढ़ाते है ये स्कूल के लिए अपने ब्यक्तिगत कार्य को दरकिनार कर देते है और स्कूल और बच्चो को ही सब कुछ मानते है इसके अलावा ये और इनकी टीम गरीबो की सहायता रोड किनारे वृक्षा रोपण रोड की मरम्मत सब में अपना सहयोग देते रहते है ! इसी कड़ी में परसोड़ी,गोपालपुर,जोंधरा, कुकुर्दीकला छोटे कुकुर्दीकला भिलौनी,सोनसरी,सोन
मस्तूरी,खुरुभाटा,बुढ़ीखार,केवटाडीह भुतहा,खपरी,गोड़ाडीह,गोबरी,
मानिकचौरी,जैतपुरी,जैतपुर,मनवा,भरारी,
आदि स्कूलों में मनाया गया शिक्षक दिवस