शिक्षक हो तो ऐसा आपने सरकारी स्कूल के शिक्षकों को लेकर या व्यवस्था को लेकर कई खबर जरुर पढी होगी और कई लोगों ने देखी भी होगी पर आज हम आपको एक ऐसे प्रधान पाठक से रूबरू करा रहे हैं जो न सिर्फ बच्चों की बेहतर भविष्य के लिए एक्स्ट्रा टाइम तक पढ़ाते हैं बल्कि बच्चों की पढ़ाई की स्तर को ऊंचा उठाने के लिए वह अपने जेब से भी खर्च करने से कतराते नहीं हैं दरअसल हम आपको आज मस्तूरी विकासखंड के ग्राम पंचायत कोकड़ी की प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक प्रमोद राज के विषय में बता रहे हैं यह ऐसे शिक्षक है जो बच्चों की पढ़ाई की स्तर को ऊपर उठाने के लिए लगातार प्रयासरथ हैं जब से ये शिक्षक बने हैं तब से अभी तक ये बच्चों की हर संभव मदद का प्रयास करते हैं इसी कड़ी में उन्होंने सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के लिए बेल्ट बेच और टाई की व्यवस्था खुद के पैसे लगाकर किया है जब हमने इनसे पूछा कि बाकी शिक्षक तो ऐसा नहीं करते अपनी जेब से पैसा नहीं लगाते पर आप ऐसा क्यों कर रहे हैं तो उन्होंने बड़ा ही सिम्पल सा जवाब दिया उन्होंने कहा कि जो बच्चे मेरे स्कूल में पढ़ रहे हैं वह मेरे भी बच्चे हैं और आज अगर इनको अच्छी तालीम शिक्षा दी जाएगी तो यह कल क्षेत्र का नाम रोशन करेंगे जो हमारे लिए भी गर्व की बात होगी अगर हम ही आज उनके लिए ईमानदारी से काम नहीं करेंगे तो इनका भविष्य खतरे में पड़ जाएगा इसलिए बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हूं आपको बताते चले की शिक्षक यहां आने से पहले गोबरी में प्रधान पाठक के प्रभार पर थे और वहां भी उनके प्रभार में रहते हुए स्कूल के कई बच्चे नवोदय विद्यालय के लिए चयनित होकर गए हैं बाकी शिक्षकों को भी इनसे और इनकी कार्य शैली से सीखने की जरूरत है मालूम हो कि सरकारी स्कूल में ऐसे कई शिक्षक हैं जो जेब से पैसा खर्च करना तो दूर की बात है कभी टाइम पर स्कूल नहीं पहुंचते और ना ही टाइम तक स्कूल में रुकते हैं ऐसे शिक्षकों के लिए यह किसी प्रेरणा स्रोत से कम नहीं है!