बिलासपुर जिले के मस्तूरी जनपद पंचायत का ग्राम पंचायत सोन इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रही हैं कारण हैं ग्रामीणों द्वारा सरपंच और उप सरपंच जितेन्द्र पटेल पर सरकारी फंड का दुरूपयोग कर चहेतो क़ो लाभ पहुंचाना इसको लेकर हाय तौबा मचा हुआ हैं पूर्व में सरपंच और चॉइस सेंटर संचालक पर एफ आई आर दर्ज हो चूका हैं और चॉइस सेंटर संचालक तक़रीबन हफ्ते दिन तक जेल में रहने के बाद ज़मानत पर बाहर आया हैं पर गाँव में चर्चा आम हैं की इन दोनों सरपंच और चॉइस सेंटर संचालक क़ो तो सजा मिल रही हैं भ्रष्टाचार करने का जबकि चॉइस सेंटर संचालक के नाम शिकायत भी नहीं था उसकी गलती सिर्फ इतनी थी की उसने कुछ लोगो का पैसा निकाला था और अपने पास किसी के कहने पर कुछ पैसा होल्ड कर लिया था और किसी क़ो बाद में भेज दिया था जब की उप सरपंच जितेन्द्र पटेल पर तो ग्रामीणों ने सीधे सीधे भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत किया हैं और इसके पुख्ता सबूत भी शिकायत कर्ता लिए हुए हैं पर अभी तक उप सरपंच जितेन्द्र पटेल क़ो अभयदान क्यों दिया जा रहा हैं क्यों दो क़ो सजा और एक क़ो दुलार मिल रहा हैं जबकि असल में जितना भ्रष्टाचार उप सरपंच ने किया हैं उतना चॉइस सेंटर संचालक ने नहीं किया बावजूद इसके उस पर एफ आई आर हो गई जेल चला गया पर जिसके नाम शिकायत हुआ हैं जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं उसको क्यों बचाया जा रहा हैं ग्रामीण आगे कहते हैं की उप सरपंच जितेन्द्र पटेल के खिलाफ भ्रष्टाचार के पर्याप्त सबूत उच्च अधिकारीयों क़ो सौंप दिया गया हैं वो ये भी कहते हैं की जितना कुसूर वार सरपंच हैं उतना ही उप सरपंच जितेन्द्र पटेल भी हैं जितनी दण्डनात्मक कार्यवाही सोन सरपंच पर हुआ हैं उतना ही उप सरपंच जितेन्द्र पटेल पर भी होना चाहिए जिससे प्रत्तेक भ्रष्टाचार करने वालो क़ो पता चले की ऐसा करने का क्या अंजाम होता हैं गाँव में हर चौक चौराहो पर यही चर्चा का विषय बना हुआ हैं की जाँच टीम क़ो जब शिकायत कर्ताओ ने उप सरपंच के खिलाफ सबूत दिए हैं जो ऑनलाइन भी देखा जा सकता हैं फिर इतनी देरी क्यों हो रही हैं ग्रामीण अब जाँच टीम पर भी सवाल खड़े कर रहें हैं इसको लेकर गाँव में रोज बैठकों का दौर चल रहा हैं सबने कमर कस ली हैं और ये गाँव वाले किसी भी कीमत पर जितेन्द्र पटेल जैसे भ्रस्ट लोगो क़ो छोड़ना नहीं चाहते वही कुछ विभागीय लोग भी दबे जुबान ही सही पर कह रहें हैं की भ्रष्टाचार तो हुआ हैं और जाँच रिपोर्ट आने के बाद जितेन्द्र पटेल पर भी एफ आई आर हो सकता हैं और इनको भी सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता हैं अब देखना दिलचस्प होगा कब रिपोर्ट आती हैं और कब दूध का दूध और पानी का पानी होता हैं पर एक बात तो साफ हैं जितेंद्र पटेल जैसे युवा जो अपने आप क़ो भोला भाला दिखा कर पंचायत में आ जाते हैं और ऐसा भ्रष्टाचार करते हैं जिससे पूरा गाँव बदनाम हो जाता हैं इनके कारनामें की वजह से पूरा गाँव बदनाम हो चूका हैं अब लोग सोन गाँव क़ो अच्छे कामों से नहीं भ्रष्टाचार की वजह से जानते हैं अब ऐसा नहीं लगता की जितेन्द्र पटेल जैसे लोगो क़ो गाँव वाले दोबारा कभी मौका देंगे जिनके वजह से पूरा गाँव बदनाम हो गया।