कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अडानी-अंबानी फोबिया है। क्या वे उद्योगपति अडानी के निजी मामले को हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जोड़कर अपनी डूबती कांग्रेस को बचा पाएंगे?

NBL, 24/11/2024, Lokeshwar verma Raipur CG: Congress leader Rahul Gandhi has Adani-Ambani phobia. Will he be able to save his sinking Congress by always linking industrialist Adani's personal matter with Prime Minister Narendra Modi? पढ़े विस्तार से.... विधानसभा 2024 महाराष्ट्र में भाजपा महायुति को ऐतिहासिक जीत मिली है, कांग्रेस नेता राहुल गांधी महागठबंधन का नैरेटिव महाराष्ट्र में फीका पड़ गया, वह महाराष्ट्र में एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने के लायक भी नहीं रहे, कांग्रेस पार्टी का महागठबंधन इतना नीचे गिर चुका है, मौलाना नोमानी का वोट जिहाद भाजपा महायुति को रोक पाने में कामयाब नही रहा, बल्कि महाराष्ट्र के अधिकांश मुसलमान मौलाना नोमानी की बातों से प्रभावित नहीं हुए और महायुति की अच्छी विकास नीति को अपनाया और महाराष्ट्र के बहुत सारे मुसलमानों ने खुलकर महायुति को वोट दिया, 'एक है तो सेफ है' की नीति को अपनाया और सनातनी हिंदू धर्म के लोगों ने अपने अपार सहानुभूति के साथ महायुति को वोट दिया, महाराष्ट्र के हिंदुओं ने पूरे भारत में इतिहास रच दिया है। महाराष्ट्र के निवासियों ने हिंदू एकता का ऐसा परिचय दिया है जिसके बारे में खुद भाजपा महागठबंधन ने नहीं सोचा था, आश्चर्यजनक परिणामों को देखकर कांग्रेस महागठबंधन इस सदमे से उबर नहीं पा रहा है। और संपूर्ण महाराष्ट्र लोकतन्त्र बीजेपी महागठबंधन के महाविकास से जुड़ गया और मौलाना नोमानी जैसे अनसुलझे धर्म गुरु के मुंह पर जोरदार तमाचा था जो कई मुसलमानों का हुक्का पानी बंद करने की बात कर रहे थे, कहीं उनके आक्रामक बयानों की वजह से उनका खुद का हुक्का पानी बंद न हो जाए जो खुलेआम भाजपा महागठबंधन को चुनौती दे रहे थे और भाजपा महागठबंधन के उम्मीदवार को वोट न देने की अपील कर रहे थे और खुद भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस अपनी जनसभाओं में लोगों को मौलाना नोमानी का ऑडियो सुनवा रहे थे, मौलाना नोमानी की वोट जिहाद की कट्टरता। अब आपका क्या होगा, भाजपा महागठबंधन को मिले बंपर जनसमर्थन की वजह से मौलाना नोमानी की यह हालत हो गई है। मौलाना नोमानी कांग्रेस महागठबंधन के सबसे बड़े दुश्मन हैं जिन्होंने उन्हें महाराष्ट्र में कहीं का नहीं छोड़ा है।अब कांग्रेस अपना रवैय्या नही बदला तो समझ लो सनातनी हिंदू एकता के साथ साथ मुसलमानों का भी वोट बीजेपी एनडीए के खाते में चला जायेगा और बीजेपी के पीएम नरेंद्र मोदी के विकास नीति के साथ जुड़ जाएगा और कांग्रेस देश में शून्य स्थिति में आ जायेगी और पीएम नरेंद्र मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत सफलता हासिल कर लेंगे, क्योंकि अब भारत के साधु संत, महंत द्वारा सनातनी हिंदु एकता का बिगुल फूंक चुका है। कही कांग्रेस महाआघाडी को अभी वोट मिला है वह बंगलादेशी घुसपेठिये मुसलमानों की वोट ज्यादा मिले है लगता है, क्योंकि भारतीय मूल निवासी मुसलमानों ने माहायुति के पक्ष में ज्यादा तर वोट दिया है इसलिए तो ऐतिहासिक जीत मिली है बीजेपी महायुति को। मौलाना नोमानी जैसे लोग ही भारत के मुसलमानों को कमजोर करने के लिए लगा हुआ है निजी स्वार्थ के वशिभूत होकर।

भारत में कई छोटे-बड़े उद्योग हैं और कई उद्योगपति हैं जो भारत के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं और यहां के उद्योगों के माध्यम से देश के हर वर्ग के लोगों को रोजगार मिलता है जो अपने आप में एक बड़ी बात है। ये उद्योग देश के हर वर्ग के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाते हैं। लेकिन भारत के कई उद्योगपति अपने औद्योगिक कारोबार को बढ़ाने के लिए देश के राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपने औद्योगिक विस्तार के लिए डील करते हैं। और अगर जवाब हां है, तो वे कई निवेशकों के साथ मिलकर उस राज्य में उद्योग स्थापित करते हैं और उद्योगपति उस राज्य के भ्रष्ट मंत्रियों और बड़े अधिकारियों को रिश्वत भी देते हैं।

रिश्वत देना भारत में एक नियमित परंपरा है। खासकर उस समय जब कांग्रेस और उसके गठबंधन वाले दल राज्य में सत्ता में हैं, उद्योगपतियों द्वारा रिश्वत देने के मामले ज्यादा सामने आए हैं। और ऐसा ही मामला इस समय अमेरिका के उद्योगपति अडानी के खिलाफ दर्ज है, जो अमेरिकी कोर्ट में साबित नहीं हुआ है, इसलिए बिना साबित हुए आप किसी भी उद्योगपति को भ्रष्ट नहीं कह सकते और भारत में राहुल गांधी सीधे आरोप लगा रहे हैं और कह रहे हैं कि भारत में उद्योगपति अडानी को तुरंत गिरफ्तार करके जेल भेजा जाना चाहिए, लेकिन उद्योगपति गौतम अडानी पीएम नरेंद्र मोदी के चहेते हैं, इसलिए वह ऐसा नहीं कर सकते, पीएम नरेंद्र मोदी का नारा "एक है तो सेफ है" अडानी पर फिट बैठता है। लेकिन राहुल गांधी खुद हेराल्ड घोटाला मामले में जमानत पर हैं, जिसका मतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अभी जेल में होना चाहिए था, उनकी अपनी कहानी के अनुसार।

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आज भारत विश्व पटल पर तेजी से आर्थिक प्रगति कर रहा है, जिसे देखकर भारत के दुश्मनों की रातों की नींद उड़ी हुई है। पीएम नरेंद्र मोदी बड़ी तेजी से रॉकेट की तरह भारत की अर्थव्यवस्था को सुधार रहे हैं और भारत को तरक्की की ओर ले जा रहे हैं। अगर भारत का आर्थिक विकास इसी रॉकेट की तरह जारी रहा तो भारत दुनिया के बड़े-बड़े देशों को पीछे छोड़ देगा। कोरोना कोविड काल के दो सालों में अच्छे-अच्छे देशों की आर्थिक स्थिति बिल्कुल खराब हो गई है, जबकि भारत आज मजबूत है और अच्छी आर्थिक स्थिति में है। लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी जैसे लोगों को भारत की तरक्की पसंद नहीं है, वो किसी भी तरह पीएम नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करके सत्ता के सिंहासन तक पहुंचना चाहते हैं। जबकि उद्योगपति अडानी के खिलाफ जो मामला सामने आया है, वो कांग्रेस की बची-खुची साख को भी मिटा सकता है, अगर पीएम नरेंद्र मोदी इसे पारदर्शी व्यवस्था से मिटाना चाहें तो कांग्रेस के कई नेताओं को जेल जाना पड़ सकता है। यह कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मूर्खता ही है जो इतनी पुरानी पार्टी कांग्रेस की अच्छी-खासी साख को मिटाने में लगे हुए हैं। अपने इर्द-गिर्द गलत गुरुओं का गुरु ज्ञान लेकर वह अपनी ही राजनीतिक ताकत को खत्म करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। कांग्रेस के सच्चे देशभक्त और ईमानदार नेताओं को चुनावों में भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जबकि कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने भारत की कमजोर स्थिति को मजबूत करने में अहम योगदान दिया है। यह पूरी तरह से सच है। आप इसे नकार नहीं सकते। भारत की जो बुरी हालत देश और दुनिया ने देखी थी, उसे कांग्रेस के सच्चे देशभक्त नेताओं ने फर्श से अर्श तक पहुंचाया।

यदि भारत का प्रत्येक नागरिक निर्माता बन जाए तो विश्व के बाजारों में भारतीय निर्मित वस्तुओं की बिक्री बढ़ेगी और भारत के हर वर्ग के लोग आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगे, ठीक उसी तरह जैसे भारत के पड़ोसी देश चीन का हर निवासी निर्माता बनकर विश्व के बाजारों में अपनी वस्तुएं बेच रहा है और वहां के लोग आर्थिक रूप से मजबूत बन रहे हैं। चीन ने एक समय में भारतीय बाजारों में पैठ बना ली थी, जिसे पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने कई चीनी वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाकर नकार दिया है और मेक इन इंडिया को प्राथमिकता दी है। 

और देश के हर वर्ग को आत्मनिर्भर बनने के लिए आगे आने के लिए प्रेरित किया है। और आज भारत अपनी निर्मित वस्तुएं विश्व के देशों को बेच रहा है और भारत के निर्माता चीन जैसे कई देशों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं और भारतीय वस्तुओं की अच्छी गुणवत्ता पर भरोसा करके दुनिया के लोग चीन में बनी वस्तुओं पर कम भरोसा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार भारतीय लोगों में उत्साह भरकर भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है और भारत की अच्छी आर्थिक स्थिति को देखकर दुश्मन देश ईर्ष्या कर रहे हैं और नई-नई साजिशें बनाकर भारत को कमजोर करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। 

और भारत के विपक्षी दलों के नेता राहुल गांधी भी सत्ता के लिए उन दुश्मनों का साथ दे रहे हैं, जो भारत के लिए सही नहीं है। जो माता-पिता अपने बच्चे को लंगड़ा, अपाहिज समझकर ठुकरा देते हैं, वह बच्चा उनकी आंखों का तारा और उनका लाडला होता है। इसी प्रकार यदि विदेशी धरती पर भारत के उद्योगपतियों पर आरोप लग रहे हैं तो उनके सिद्ध होने तक हर भारतीय को भारतीय उद्योगपतियों के साथ खड़ा होना चाहिए और उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए कि हम सभी देशवासी आपके साथ हैं, तभी भारत का हर निर्माता पूरे जोश के साथ विश्व के निर्माताओं को कड़ी टक्कर दे सकेगा और भारत आर्थिक रूप से मजबूत होकर विश्व का मुकाबला करेगा। इसलिए देश की जनता को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अडानी फोबिया को समझने की जरूरत है कि आखिर क्यों वह इसे राजनीति का हिस्सा बनाकर देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं और क्यों अडानी को पीएम नरेंद्र मोदी से जोड़ा जा रहा है, जबकि अंदर से कांग्रेस और उसके गठबंधन दल अडानी के समर्थक हैं जिन्होंने अडानी को उनके शासन वाले कई राज्यों में उद्योग लगाने में मदद की है। तो फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी जो खुद जमानत पर हैं, उनके द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी को बदनाम क्यों किया जा रहा है।

विपक्ष की भूमिका निभाने वाले राहुल गांधी भारत में बेबुनियाद मुद्दों पर अफवाहों की राजनीति क्यों करते हैं, जो फर्जी हैं? अब वह समय नहीं रहा जब ढेर सारी अफवाहें फैलाकर देश की जनता को गुमराह किया जा सके। अब हर भारतीय के हाथ में इंटरनेट से लैस स्मार्ट फोन है जो पल भर में सच्चाई का पता लगा लेता है और उस सच्चाई को जानने के बाद वह राजनेताओं पर विश्वास कर लेता है कि क्या वे जनहित के लिए सही नेता हैं या वे सिर्फ बेबुनियाद बातों से हमें भ्रमित करने वाले नेता हैं। इसी तरह कांग्रेस नेता राहुल गांधी अडानी, अंबानी फोबिया से ग्रसित हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेता अडानी मुद्दे को बिना किसी मजबूत आधार के संसद सत्र में ले जाते हैं। 

जिससे भारत की अन्य जनहित नीतियों में बाधा उत्पन्न होती है, जो इसे टाइमपास बनाकर संसद सत्र में करोड़ों रुपए के खर्च का कोई मजबूत समाधान नहीं ढूंढ पा रहे हैं। विपक्षी दलों के नेता भारत की प्रगति में बड़ी बाधा उत्पन्न करने का अथक प्रयास कर रहे हैं। इन विपक्षी पार्टी नेताओं के बेबुनियाद बयानों का पीएम नरेंद्र मोदी राजनीतिक लाभ उठा रहे हैं और ठोस सबूतों के अभाव में विपक्षी पार्टी नेताओं का बढ़ता राजनीतिक ग्राफ गिर रहा है और इसका पूरा फायदा पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के सहयोगी दलों के नेताओं को मिल रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले करना दरअसल विपक्षी पार्टी के नेताओं को नुकसान पहुंचा रहा है। क्योंकि विपक्षी पार्टी के नेताओं के पास पीएम नरेंद्र मोदी को नुकसान पहुंचाने के लिए कोई ठोस सबूत या कोई ठोस तर्क नहीं है। यह पीएम नरेंद्र मोदी की असली चतुराई है कि विपक्षी पार्टी के नेता उनकी गलतियां नहीं ढूंढ पा रहे हैं।

बल्कि विपक्षी दलों के नेताओं की अफवाहों के कारण भारत के करोड़ों निवेशकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, जो एक तरह से पाप है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ऐसा क्यों कर रहे हैं और किन बाहरी ताकतों के साथ उनका गठबंधन है? या फिर यह राहुल गांधी के गुरुओं की चाल हो सकती है जो उनकी कांग्रेस पार्टी को उखाड़ने के लिए उन्हें गलत ज्ञान देते रहते हैं और यह उनके राजनीतिक स्तर को गिराकर कांग्रेस को खत्म करने की एक सोची समझी साजिश भी हो सकती है, जिसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी समझ नहीं पा रहे हैं और वह गुरु ज्ञान की इन अफवाहों को सच मानकर देश की जनता को परोस रहे हैं और अपनी मूर्खता के कारण वह देश की जनता के सामने मजाक बनकर रह जाते हैं। लोग कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मूर्खता का मीम्स बनाकर मजाक उड़ाते रहते हैं।

जबकि राहुल गांधी अपनी गलतियों के लिए बहुत पश्चाताप करते हैं, लेकिन उनके हाथ से सब कुछ फिसल चुका होता है, इससे उनकी पार्टी कांग्रेस का नुकसान है। अगर राहुल गांधी अपने विवेक का इस्तेमाल करने लगें तो कल कांग्रेस फिर से मजबूती से आगे बढ़ सकती है। क्योंकि राहुल गांधी कांग्रेस की मूल राजनीति के उत्तराधिकारी हैं। राजनीति उनके डीएनए में शामिल है, उन्हें सिखाने की जरूरत नहीं है, लेकिन राहुल गांधी उन लोगों से सीखते हैं जो कांग्रेस के चाटुकार हैं, जो राहुल गांधी को राजनीति करने के लिए गलत ज्ञान परोस देते हैं। जबकि राहुल गांधी खुद राजनीति और भक्षक दोनों हैं।

राहुल गांधी अपनी कांग्रेस को बहुत आसानी से मजबूत कर सकते हैं, उन्हें देश की अन्य पार्टियों पर अपनी बैसाखी के रूप में निर्भर रहने की जरूरत नहीं है, उन्हें सिर्फ अपने विवेक का इस्तेमाल करने की जरूरत है, क्योंकि कांग्रेस अपने आप में बहुत मजबूत पार्टी है, एक समय था जब लोग कांग्रेस पार्टी छोड़ने की हिम्मत नहीं रखते थे, भारत में कांग्रेस के कई ऐसे भक्त थे, जब तक सूरज चांद रहेगा, इंदिरा तेरा नाम रहेगा, राहुल गांधी उस नाम को डुबो रहे हैं, भारत के वही लोग जो कांग्रेस के लिए मरने को तैयार थे। लेकिन कांग्रेस की कई गलतियों के आधार पर, कई नए राजनीतिक दल जो शून्य स्थिति में थे, मजबूत हो गए और कांग्रेस ने अपनी ताकत कमजोर कर दी और आज कांग्रेस इन कमजोर करने वाले पार्टियों के साथ अपना गठबंधन बना ली है और भाजपा को अपना एकमात्र दुश्मन बनाकर पीएम नरेंद्र मोदी को घेरती है, जबकि पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उनकी अपनी ईमानदारी खड़ी है। कांग्रेस को देश में यह ईमानदारी पैदा करनी होगी, तभी कांग्रेस मजबूत होगी।

 


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