बिलासपुर//रावत नाच महोत्सव पचपेड़ी में यादव समाज के तत्वावधान में मंगलवार को थाना के सामने मैदान में प्रत्तेक वर्ष की भांति महोत्सव का आयोजन किया जाएगा रावत नाच महोत्सव में प्रदेश भर के यदुवंशी अपने कला,कौशल व झांकी के द्वारा अपना शौर्य का प्रदर्शन कर लोगो के बीच समा बान्धेगे,इस आयोजन को देखने के लिए पचपेड़ी सहित अन्य क्षेत्रों व जिलों के लोग भी हजारो की संख्या मे आकर देर रात तक इस आयोजन का आनंद लेते है |
राउत नाच का इतिहास
राउत नाच या राउत-नृत्य, यादव समुदाय का दीपावली के आसपास किया जाने वाला पारंपरिक नृत्य है। इस नृत्य में राउत लोग विशेष वेशभूषा पहनकर,हाथ में सजी हुई लाठी लेकर टोली में गाते और नाचते हुए निकलते हैं। गांव में प्रत्येक गृहस्वामी के घर में नृत्य के प्रदर्शन के पश्चात् उनकी समृद्धि की कामना युक्त पदावली गाकर आशीर्वाद देते हैं। छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध है। छत्तीसगढ़ में विभिन्न लोकनृत्य जैसे पंथी, सुआ, राउत नाच आदि प्रचलित है।
मुख्यतः राजस्थान का एक सामाजिक समुदाय है, जहाँ इनकी सर्वाधिक जनसंख्या संकेंद्रित है। जमीन आज भी रावत लोगों के जीवन का मुख्य आधार है आधुनिक समय में रावत समाज के लोग विभिन्न विभिन्न प्रकार के कार्य कर रहे हैं परन्तु अधिकतर रावतवंश के लोग कृषि प्रेमी रहे हैं तथा कृषि करते हैं। आधुनिक समय में भी अधिकांश रावत कृषि करते हैं।