NBL, 02/02/2023, Lokeshwer Prasad Verma, Raipur CG: Pakistan has repeatedly been daring to destroy India by promoting terrorism, but Pakistan itself is becoming its victim.
पाकिस्तान को बार बार कहा गया भारत के द्वारा यहाँ तक हमारे भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चेतावनी देने की बार बार कोशिश करते रहे, जो आतंकवाद को आप पोश पाल रहे हो वह ना पाकिस्तान के हित में ना ही हिंदुस्तान के हित में है, और उनके कही बात पर पाकिस्तान को मिर्ची लगी, और पाकिस्तान के वजीरेआजम ने भारत के उपर गुस्सा व्यक्त किया की आप हमारे पाकिस्तान को देश दुनिया में नीचा दिखाने के लिए ऐसा आप बोल रहे हो। हम पाकिस्तान कोई आतंकवाद नहीं पैदा करते, जबकि आज खुद पाकिस्तान के वर्तमान गृहमंत्री आज कबूल कर रहे हैं, इस आतंक वादी को ट्रेनिंग हमारे पाकिस्तान के मलेट्रि फोर्स के आला अधिकारियों के पनाह में दी गई और आज यही आतंकवादी हमारे पाकिस्तान के आवाम को नुकसान पहुँचा रहा हैं। जो आजकल अभी हाल में पाकिस्तान के पेशावर शहर में एक मस्जिद में आत्मघाती बम ब्लास्ट हमला किया, जिससे वहाँ के बहुत से लोगों की जान चली गई और बहुत से लोग असहनीय घायल अवस्था में आज भी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।
जबकि हिंदुस्तान के मुस्लिम समुदाय पूरी तरह से भारत में सुरक्षित है, जबकि पाकिस्तान के आबादी जनसंख्या से कही ज्यादा हिंदुस्तान के मुस्लिम समुदाय का आबादी जनसंख्या है, जबकि भारत धर्म निरपेक्ष देश है, यहाँ अनेक धर्मो का निवास स्थान है और सभी देशवासि सुख शांति से भारत में जीवन यापन कर रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान मुस्लिम आबादी वाला देश है, और खुद इनके धर्म के लोग खुद अपने ही धर्म के बेगुनाह लोगों का खुले आम हत्या कर रहे हैं। और वह भी धार्मिक स्थलों पर जहाँ लोगों का आस्था जुड़ा हुआ है, उस मस्जिद में मुस्लिम लोग सुकून से उस खुदा वन करीम को याद व अरदास करते है, अपने परिवार व समाज देश के खुशहाली के लिए लेकिन इन आतंकवाद इन जैसे पवित्र कुरान शास्त्रों का कलमा पढ़ने का पवित्र स्थान मस्जिद को भी निशाना बनाकर लोगों के आस्था केंद्र के विश्वास को आघात करने वाले ये दरिंदा आतंकवादी ना पाकिस्तान के हित में है ना ही हिंदुस्तान के हित में है, इन आतंकवादी संगठन को जड़ से ही मिटा देना ही बेहतर होगा पाकिस्तान के लिए और इस आतंकवाद को खत्म करने के लिए हिंदुस्तान के साथ मित्र वत व भाईचारे वाले संबंध पाकिस्तान को बनानी चाहिए, जो दोनों देशों के आवाम के लिए बेहतरी है।
आतंकवादी कहे जाने वाले प्रशिक्षित लोगों के समूह के द्वारा अन्यायपूर्ण और हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम देने की प्रक्रिया को आतंकवाद कहते हैं। वहाँ केवल एक मालिक होता है जो समूह को किसी भी खास कार्य को किसी भी तरीके से करने का सख्त आदेश देता है। अपने अन्यायी विचारों की पूर्ति के लिये उन्हें पैसा, ताकत और प्रचार की जरुरत होती है। ऐसी परिस्थिति में, ये मीडिया होती है जो किसी भी राष्ट्र के समाज में आतंकवाद के बारे में खबर फैलाने में वास्तव में मदद करती है। अपनी योजना, विचार और लक्ष्य के बारे में लोगों तक पहुँच बनाने के लिये आतंकवाद भी मीडिया का सहारा लेता है।
अपने उद्देश्य और लक्ष्य के अनुसार विभिन्न आतंकी समूह का नाम पड़ता है। आतंकवाद की क्रिया मानव जाति को बड़े पैमाने पर प्रभावित करती है और लोगों को इतना डरा देती है कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते हैं। वो सोचते हैं कि आतंक हर जगह है जैसे घर के बाहर रेलवे स्टेशन, मंदिर, सामाजिक कार्यक्रमों, राष्ट्रीय कार्यक्रमों आदि में जाने से घबराते हैं। लोगों के दिमाग पर राज करने के साथ ही अपने कुकृत्यों कों प्रचारित और प्रसारित करने के लिये अधिक जनसंख्या के खास क्षेत्रों के तहत आतंकवादी अपने आतंक को फैलाना चाहते हैं। आतंकवाद के कुछ हालिया उदाहरण अमेरिका का 9/11 और भारत का 26/11 हमला है। इसने इंसानों के साथ ही बड़े पैमाने पर देश की अर्थव्यवस्था को भी चोट पहुँचायी है।
राष्ट्र से आतंकवाद और आतंक के प्रभाव को खत्म करने के लिये, सरकार के आदेश पर कड़ी सुरक्षा का प्रबंध किया गया है। वो सभी जगह जो किसी भी वजह से भीड़-भाड़ वाली जगह होती या बन जाती है जैसे सामाजिक कार्यक्रम, राष्ट्रीय कार्यक्रम जैसे गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, मंदिर आदि को मजबूत सुरक्षा घेरे में रखा जाता है। सभी को सुरक्षा नियमों का पालन करता पड़ता है और ऑटोमैटिक बॉडी स्कैनर मशीन से गुजरना पड़ता है। इस तरह के उपकरणों का इस्तेमाल करने के द्वारा सुरक्षा कर्मियों को आतंकवादी की मौजूदगी का पता लगाने में मदद मिलती है। इस तरह की कड़ी सुरक्षा प्रबंधन के बाद भी हम लोग अभी-भी आतंकवाद का खिलाफ प्रभावशाली रुप से नहीं खड़े हो पा रहें हैं।
आतंकी समूह को खत्म करने के साथ ही आतंक के खिलाफ लड़ने के लिये हर साल हमारा देश ढ़ेर सारे पैसे खर्च करता है। हालाँकि, ये अभी-भी एक बीमारी की तरह बढ़ रही है क्योंकि रोजाना नये आतंकवादी तैयार हो रहें हैं। वो हमारी तरह ही बहुत सामान्य लोग हैं लेकिन उन्हें अन्याय करने के लिये तैयार किया जाता है और अपने एक समाज, परिवार और देश के खिलाफ लड़ने के लिये दबाव बनाया जाता है। वो इस तरह से प्रशिक्षित होते हैं कि उन्हें अपने जीवन से भी प्यार नहीं होता, वो लड़ते समय हमेशा अपना कुर्बान होने के लिये तैयार रहते हैं। एक भारतीय नागरिक के रुप में, आतंकवाद को रोकने के लिये हम सभी पूरी तरह से जिम्मेदार हैं और ये तभी रुकेगा जब हम कुछ बुरे और परेशान लोगों की लालच भरी बातों में कभी नहीं आयेंगे।
आज पाकिस्तान के आर्थिक स्थिति इतना खराब है, की वहाँ के आवाम के लिए रोजमर्रा के जरूरत के समान यहाँ तक रोटी के लिए आटा नहीं है, बिजली पानी ईंधन सब महंगाई के साथ साथ खत्म होने की कगार पर है, और इनके पास और एक गंभीर संकट है, आतंकवाद का डर जो कही भी किसी भी जगह बम विस्फोट हो सकता है, जिससे इन बेगुनाह लोगों की जान जा सकता हैं, यह भी पाकिस्तान के आवाम के लिए ज्वलंत मुद्दा है। लेकिन हम पड़ोसी देश हिंदुस्तान सब अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान के दयनीय दशा को देख रहे हैं, लेकिन हम हिंदुस्तानी कुछ भी पाकिस्तान के आवाम के लिए नहीं कर पा रहे हैं और हम भारतीयो को दुख लगता है, पाकिस्तान के खराब स्थिति को देखकर लेकिन करे तो करें क्या हम भारततिय लोग, और खुद पाकिस्तान के शासन में बैठे हुए बड़े लोग हिंदुस्तान को दुश्मन देश मानते हैं, और पाकिस्तान हिंदुस्तान से अच्छा संबंध स्थापित करने में नाकाम है, जबकि पाकिस्तान भी हिंदुस्तान का एक हिस्सा है और आज पाकिस्तान के आवाम छाती पीट पीट कर कोस रहे हैं की हमें हिंदुस्तान से अलग देश बना कर हमारे पूर्वज हमें मरने के लिए छोड़ दिया है, पाकिस्तान बना कर आज पाकिस्तान आर्थिक रूप से डिफाल्टर होने की कगार पर है, IMF अगर पाकिस्तान को कर्ज दे दिया तो कुछ हद तक उनके आवाम का स्थिति सुधर जायेगा लेकिन कुछ दिन कुछ समय काल तक के लिए फिर घोर संकट सामने आयेगा पाकिस्तान के आवाम के उपर। कर्ज व दान पर आज पाकिस्तान पूरी तरह निर्भर है। और यह सब हाल बेहाल पाकिस्तान में आतंकवाद होने के कारण हो रहा है, क्योकि बाहर देश पाकिस्तान में निवेश नहीं करना चाहते, इसलिए वहाँ का हाल बेहाल हैं। आर्थिक ग्रोथ उनका घट कर शून्य की ओर बड़े रफ्तार से जा रहा है, अभी तो कुछ बचा है इनके पास विदेशी डालर लेकिन कुछ सप्ताह के लिए, फिर हाहाकार।