16वीं वाहिनी जवानों के लिये विश्व आत्महत्या रोकथाम जागरूकता सप्ताह पर हुई कार्यशाला

नारायणपुर 8 सितम्बर । जिले में साप्ताहिक रूप से चल रहे विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के तहत मंगलवार को डी.एम.एच.पी. के द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें नारायणपुर के 16वीं वाहिनी बटालियन गढ़बेंगाल के जवानों को आत्महत्या के कारण और उनसे बचाव की जानकारी दी गयी। साथ ही जवानों को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से तनाव को कम करने के उपायों के बारे में भी बताया गया। उक्त कार्यक्रम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी.आर.पुजारी ,सिविल सर्जन सह जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. एमके सूर्यवंशी के निर्देशानुसार नोडल अधिकारी डॉ प्रशांत गिरी के मार्गदर्शन व डीपीएम डॉ प्रिया कंवर के सहयोग से किया गया।

इस दौरान क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट प्रीति चांडक ने आत्महत्या रोकथाम एवं गेटकीपर ट्रेनिंग के बारे में जानकारी देते हुए बताया, “नकारात्मक भावनाओं का दमन करने या उससे छुटकारा पाने का प्रयास करने के बजाय समस्याओं का नए नजरिये से विश्लेषण कर उसका समाधान करें। अपने अंदर "प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल एंड अप्रोच"(समस्या निवारण का कौशल एवं द्रष्टिकोण) विकसित करें, जिससे हम अपने आसपास के लोगों के लिए समस्या निवारक बन सके। उन्होंने बताया, यह एक ऐसा कौशल है जो आस पास अचानक उत्पन्न होने वाली कठिन परिस्थितियों को संभालने की समझ प्रदान करती हैं। इस कौशल के माध्यम से हम वास्तविक समस्या की पहचान कर पाते हैं । इसके अलावा उन्होंने आत्महत्या से संबंधित मिथ्या, आत्महत्या के चेतावनी संकेत, जोखिम कारक तथा सुरक्षात्मक कारक के बारे में बताया गया। साथ ही संकट के समय हस्तक्षेप किस प्रकार करना है यह भी सिखाया” ।

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मानसिक अस्वस्थता के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया, “आत्महत्या का प्रमुख कारण मानसिक रूप से अस्वस्थ रहना है। अक्सर लोग अपनी मानसिक बीमारियों को छिपाते हैं और खुलकर उस पर बात नहीं करना चाहते हैं। अत: किसी भी परिस्थिति में अकेले ना रहें। यदि किसी को कुछ समस्या है तो अपने परिवार वालों या करीबी से बात करे, उन्हें अपनी समस्या बताएं और समस्या का समाधान खोजें। इसके अतिरिक्त अपने दैनिक गतिविधियों में से कुछ समय निकालकर खुद के लिये समय दें,योगाभ्यास करें, खानपान में सुधार करें और पर्याप्त नींद लें। मानसिक अस्वस्थता की स्थिति हो तो घबराएं नही, जिला अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक के माध्यम से मानसिक रोगियों को निःशुल्क परामर्श व उपचार दिया जाता है। इसके अलावा राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम लाइफलाइन नंबर(1-800-273-8255) में कॉल कर अपनी समस्या बता सकते हैंI”

चेतावनी के यह संकेत बताते हैं कि एक व्यक्ति गंभीर खतरे में हो सकता है और उसे तत्काल मदद की आवश्यकता है।

 ● मरने या खुद को मारने की इच्छा के बारे में बात करना

 ● खुद को मारने का रास्ता खोजना

 ● निराशाजनक या बिना किसी उद्देश्य के जीने की बात करना

 ● दूसरों पर बोझ होने की बात करना

 ● शराब या ड्रग्स का उपयोग बढ़ाना

 ● चिंतित, उत्तेजित या लापरवाह होना

 ● बहुत कम या बहुत अधिक सोना

 ● अलग-थलग महसूस करना

 ● अत्यधिक गुस्सा करना या बदला लेने की बात करना



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