लखनपुर क्षेत्र में अखंड सौभाग्य के लिए महिलाओं ने रखा निर्जला व्रत, चंद्रमा को दिया अर्घ्य।
पत्नी का व्रत तुड़वाने के लिए पतियों ने अपने हाथों से उन्हें पिलाया पानी।
((नयाभारत सितेश सिरदार लखनपुर)):– सुहागिनों ने बिना कुछ खाए, पीए पति की दीघार्यु के लिए शुक्रवार को करवा चौथ का व्रत रखा,शाम होते ही सुहागिनों की निगाहें आसमान की ओर चंद्रमा को ढूंढ रहीं थी, लेकिन आसमान पर कहीं कहीं पास बादल छाए रहने के कारण चंद्रमा भी काफी देर बाद नजर आए। बाद में चंद्रमा प्रकट हुए, तब जाकर सुहागिनों ने व्रत तोड़ा,पति के चिरंजीवी के लिए कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी को करवाचौथ व्रत रखा गया। करवाचौथ व्रत चतुर्थ को रखा जाता है, इसके कारण शुक्रवार को ही करवाचौथ मनाया गया। सुहागिन लंबे समय से करवाचौथ का इंतजार कर रही थी। इसके लिए महिलाओं ने विशेष तैयारी कर रखी थी। नए वस्त्र व श्रृंगार के साजो सामान खरीदे। इसके चलते ही गुरुवार व शुक्रवार को लखनपुर शहर में अच्छी खासी महिलाओं की भीड़ रही। शुक्रवार को सूर्योदय के साथ ही महिलाओं का निर्जला व्रत प्रारंभ हो गया। ढलते सूरज के साथ ही सुहागिन व्रत को तोड़ने के लिए चंद्रमा का इंतज़ार करने लगी। सभी घरों की छतों पर महिलाएं ही नजर आ रही थी, जो आसमान की ओर कुछ ढूंढ रही थी। लंबे इंतजार के बाद चंद्रमा ने सुहागिनों को दर्शन दिए। सुहागिनों ने चंद्रमा की पूजा
अर्चना की, उसे अर्घ्य दिया। छननी के पीछे दीप के सहारे पहले चंद्रमा की पूजा की फिर पति की। पत्नी का व्रत तुड़वाने के लिए पतियों ने अपने हाथों से उन्हें पानी पिलाया। इसके बाद ही महिलाओं ने भोजन ग्रहण किया