छत्तीसगढ़

CG डिप्टी रेंजर सहित 2 सस्पेंड : वन विभाग की बड़ी कार्रवाई,इस मामले में डिप्टी रेंजर सहित 2 सस्पेंड, जाने पूरा मामला

बायसन (वन्यप्राणी) की रहस्यमय मौत के बाद हुए लापरवाही मामले में वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है।

डेस्क : बायसन (वन्यप्राणी) की रहस्यमय मौत के बाद हुए लापरवाही मामले में वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। बिना पोस्टमार्टम के शवदाह पर बीट गार्ड गोविंद केवट और डिप्टी रेंजर संतराम ठाकुर को निलंबित कर दिया गया है। वहीं प्रभारी रेंजर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। मामला बलौदाबाजार जिले के अर्जुनी वन परिक्षेत्र का है

सीसीएफ रायपुर और बलौदाबाजार वनमंडल अधिकारी की संयुक्त जांच में वन्यप्राणी संरक्षण में घोर लापरवाही का मामला उजागर हुआ है। बलौदाबाजार वन मंडल के अंतर्गत अर्जुनी वन परिक्षेत्र में एक बायसन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। लेकिन इससे भी बड़ी चिंता की बात यह रही कि मृत बायसन का बिना पोस्टमार्टम के ही शवदाह कर दिया गया।

सूत्रों के अनुसार, इस घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को मिलते ही सीसीएफ रायपुर और बलौदाबाजार के वनमंडल अधिकारी ने संयुक्त जांच शुरू की। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मौके पर तैनात बीट गार्ड गोविंद केवट और डिप्टी रेंजर संतराम ठाकुर ने अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीर लापरवाही बरती है।

उन्होंने न केवल घटना की सही रिपोर्टिंग में चूक की, बल्कि नियमों के खिलाफ जाकर बिना चिकित्सकीय जांच के ही बायसन के शव को जला दिया।वन विभाग ने इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए तत्काल प्रभाव से दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। वहीं अर्जुनी रेंज के प्रभारी रेंजर को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया है।

इस मामले ने वन्यजीव सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बायसन जैसे संरक्षित प्राणी की मृत्यु के बाद आवश्यक विधिवत पोस्टमार्टम और वैज्ञानिक जांच जरूरी होती है, ताकि मौत के कारणों का पता चल सके। लेकिन इस मामले में लापरवाही न केवल वन्यजीव कानूनों का उल्लंघन है, बल्कि यह भविष्य में ऐसे मामलों की गंभीरता को भी प्रभावित कर सकता है।

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