CG – अवैध संबंध रखने वाली महिला को आयोग ने सुधरने हेतु भेजा नारी निकेतन…

अवैध संबंध रखने वाली महिला को आयोग ने सुधरने हेतु भेजा नारी निकेतन
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सरला कोसरिया, ओजस्वी मंडावी एवं दीपिका शोरी ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीडन से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग के अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक की राजधानी लखनऊ में आज 337 वी एवं रायपुर जिले में 159 वी. जनसुनवाई की गई।
आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि आवेदिका व अनावेदक (पति) 06 माह से अलग रह रहे है क्योंकि आवेदिका के पति दूसरी महिला के साथ अवैध संबंध में है। जिसकी जानकारी आवेदिका को हुई। अनावेदक (पति) दूसरी महिला के साथ रहने के लिए आवेदिका को तलाक की धमकी दे रहा है। दूसरी महिला का उसके पूर्व पति से तलाक हो चुका है। दूसरी महिला को उसके माता-पिता ने भी छोड़ रखा है और वह तलाकशुदा है। ऐसी दशा में दूसरी महिला को सुरक्षा की दृष्टि से व सुधरने का मौका देकर आयोग ने नारी निकेतन भेजे जाने का आदेश दिया साथ ही दूसरी महिला को यह भी समझाईश दिया गया कि वह भविष्य में आवेदिका व उसके पति के परिवार में दखलंदाजी नहीं करेगी। दोनो पक्षों के मध्य सुलहनामा के पश्चात् प्रकरण नस्तीबध्द किया जायेगा।
आवेदिका ने अपना प्रकरण अपने बच्चों की वापसी के लिये लगाया था, बच्चे आवेदिका को वापस मिल चुके है। आवेदिका ने बताया कि अनावेदक ने बच्चों को अनाथालय में छोड दिया था. जहां से वह बच्चों को लेकर अपने साथ रख कर उनका पालन-पोषण कर रही है वह झाडू-पोछा का कार्य करती है। अनावेदक (पति) आवेदिका व बच्चों के लिए कभी-कभी ही खर्च देता है। दोनो पक्षों के मध्य न्यायालय में तलाक व भरण-पोषण का मामला चल रहा है। आयोग ने समझाईश दिया कि दोनो पक्ष यदि चाहे तो आयोग की मदद लेकर सुलहनामा करा सकते है अन्यथा प्रकरण नस्तीबध्द किया जायेगा।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका व अनावेदक आपस में पति-पत्नि है और उनके दो बच्चे है, जो स्कूल में पढ़ने लायक है। अनावेदक ने पत्नि व बच्चों को अब तक गांव में रखा था वह चाहता था कि आवेदिका गांव में रहकर खेती किसानी करे। आवेदिका शहर में पली-बढ़ी है खेती किसानी नहीं जानती है। आयोग ने अनावेदक को समझाईश दिया कि वह अपनी पत्नि व बच्चों को अपने साथ रखे, जिसमें दोनो पक्षों ने अपनी सहमति जताई।
अन्य एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि वह कुटुम्ब न्यायालय रायपुर में 10 हजार रू. मासिक भरण-पोषण का आदेश प्राप्त कर चुकी है लेकिन उसे अब तक भरण-पोषण नहीं मिला है। आवेदिका अनावेदकगणों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवा चुकी है. जिसका मामला कुरूद में चल रहा है ऐसी दशा में आयोग के द्वारा इस प्रकरण की सुनवाई संभव नहीं है। आवेदिका को समझाईश दिया गया कि वह कुटुम्ब न्यायालय में अपने पति के खिलाफ भरण-पोषण की वसूली का प्रकरण प्रस्तुत करे। इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबध्द किया गया।