
8th Pay Commission: केंद्र सरकार के करीब एक करोड़ कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है। सरकार ने आखिरकार 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) को मंजूरी दे दी है। हालांकि इसकी आधिकारिक अधिसूचना अभी जारी नहीं हुई है, लेकिन अब कर्मचारियों की नज़रें इस बात पर टिकी हैं कि उनकी सैलरी और पेंशन कितनी बढ़ेगी।
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
वेतन आयोग की सिफारिशों में सबसे महत्वपूर्ण होता है फिटमेंट फैक्टर। यह एक तरह का मल्टीप्लायर होता है, जिससे कर्मचारियों के बेसिक वेतन और पेंशन की नई कैलकुलेशन होती है।
फॉर्मूला
नया वेतन = पुराना मूल वेतन × फिटमेंट फैक्टर
फिलहाल 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 है। यानी अगर किसी का बेसिक ₹10,000 है तो उसका नया बेसिक वेतन = 10,000 × 2.57 = ₹25,700 हो जाता है। अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर बढ़ाया जाता है, तो कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन पूरी तरह बदल सकती है:
फिटमेंट फैक्टर न्यूनतम वेतन (₹) न्यूनतम पेंशन (₹)
1.8 32,400 16,200
1.92 34,560 17,280
2.00 36,000 18,000
2.08 37,440 18,720
2.57 46,260 23,130
2.86 (मांग) 51,480 25,740
अगर सरकार 2.86 का फैक्टर लागू करती है, जिसकी मांग कर्मचारी संगठनों ने की है, तो न्यूनतम वेतन ₹51,480 तक जा सकता है।
DA और DR का क्या होगा?
8वें वेतन आयोग के लागू होते ही कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) शून्य हो जाएगा। लेकिन घबराने की बात नहीं है, क्योंकि इसके बाद हर छह महीने में महंगाई दर के आधार पर डीए/डीआर फिर से जोड़ा जाएगा। फिलहाल कर्मचारियों को लगभग 55% डीए/डीआर मिल रहा है।
7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 से लागू हुआ था। उसके बाद से अब तक महंगाई और खर्च काफी बढ़ चुके हैं। इसलिए कर्मचारियों को उम्मीद है कि इस बार बेहतर फिटमेंट फैक्टर और बड़ा वेतन मिलेगा। 8वां वेतन आयोग कर्मचारियों और पेंशनर्स दोनों के लिए बड़ी राहत लेकर आने वाला है। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 के आसपास तय हुआ, तो उनकी सैलरी और पेंशन में 40–45% तक बढ़ोतरी हो सकती है।