CG – गांव की एकता की अनूठी पहल : ग्राम पंचायत तेन्दूमुड़ी ने फिर रचा इतिहास , लगातार दूसरी बार निर्विरोध निर्वाचित हुई पूरी पंचायत…
गांव की एकता की अनूठी पहल : ग्राम पंचायत तेन्दूमुड़ी ने फिर रचा इतिहास , लगातार दूसरी बार निर्विरोध निर्वाचित हुई पूरी पंचायत।
खरसिया। लोकतंत्र की असली ताकत जनसहमति और आपसी भाईचारे में निहित होती है, और इसका जीता-जागता उदाहरण एक बार फिर ग्राम पंचायत तेन्दूमुड़ी ने पेश किया है। खरसिया जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली इस ग्राम पंचायत ने अनूठा इतिहास रचते हुए लगातार दूसरी बार पूरे पंचायत निर्वाचन को निर्विरोध संपन्न किया। यहां सरपंच से लेकर सभी वार्ड पंचों का चुनाव बिना किसी प्रतिस्पर्धा के पूर्ण सहमति से हुआ, जिससे पूरे क्षेत्र में हर्ष और गर्व का माहौल बना हुआ है।
लोकतांत्रिक एकता और सहमति का प्रतीक बना तेन्दूमुड़ी…
गांववासियों ने आपसी समरसता, भाईचारे और सहयोग की भावना को प्राथमिकता देते हुए सर्वसम्मति से अपने जनप्रतिनिधियों का चयन किया। यह कदम न केवल ग्राम पंचायत की एकता को दर्शाता है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक मिसाल भी पेश करता है कि कैसे एकता और समझदारी से प्रशासनिक प्रक्रिया को सरल और विवादरहित बनाया जा सकता है।
तेन्दूमुड़ी गांव के नागरिकों ने आपस में बैठक कर तय किया कि इस बार भी पूरे गांव की पंचायत निर्विरोध चुनी जाएगी। सभी इच्छुक उम्मीदवारों ने आपसी सहमति से नामांकन किया, और अंततः नामांकन वापसी के अंतिम दिन यह घोषणा हुई कि सभी पदों पर निर्विरोध चयन हो चुका है। इससे पूर्व भी इसी गांव ने यह ऐतिहासिक निर्णय लिया था, और अब लगातार दूसरी बार ऐसा कर ग्रामवासियों ने लोकतांत्रिक चेतना और जागरूकता का परिचय दिया है।
नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि…
ग्राम पंचायत तेन्दूमुड़ी की नई पंचायत के लिए निर्विरोध चुने गए प्रतिनिधि इस प्रकार हैं :
सरपंच : सविता खेमराज राठिया
वार्ड पंच :
1. मानकुंवर / अमृतलाल
2. मोहनलाल / आत्मा राम राठिया
3. लक्ष्मी बाई / गंगा प्रसाद राठिया
4. संतोषी / प्रेमलाल राठिया
5. शांति बाई / श्यामलाल राठिया
6. हीरालाल / बेदराम राठिया
7. घनश्याम / रंजीत राठिया
8. मानकुंवर / धना राम राठिया
9. दशोदा बाई / करमसिंह चौहान
10. कुंती बाई / रथलाल राठिया
गांव के लिए गर्व का क्षण, अन्य गांवों के लिए प्रेरणा…
तेन्दूमुड़ी ग्रामवासियों का यह निर्णय बताता है कि जब समाज आपसी सहयोग, समर्पण और सेवा की भावना को प्राथमिकता देता है, तो लोकतंत्र और अधिक मजबूत होता है। निर्विरोध चुनाव के कारण पंचायत के प्रशासनिक कार्यों में सहजता आएगी और विकास कार्यों की गति और अधिक तेज होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के निर्विरोध निर्वाचन न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया को सरल बनाते हैं, बल्कि अनावश्यक राजनैतिक तनाव, मतभेद और खर्च को भी कम करती है।