CG – नक्सल इलाके में पहुंची रक्षा मंत्रालय के सीनियर अफसरों की टीम, दिखा ऐसा नजारा कि खुद को रोक नहीं पाए, फिर जो हुआ…..
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दंतेवाड़ा। राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय रक्षा मंत्रालय नई दिल्ली के 18 वरिष्ठ अधिकारियों की टीम छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला दंतेवाड़ा पहुंची। नक्सलियों के इलाके में बदलाव का नजारा देख अफसर खुद को रोक नहीं पाए। अफसरों ने दंतेवाड़ा प्रशासन की खूब तारीफ की।
दरअसल सीनियर अफसरों की टीम अध्ययन यात्रा पर हैं। वे देश के अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। 18 अफसरों की टीम दंतेवाड़ा पहुंची। जिले में संचालित सामाजिक और आर्थिक उत्थान से जुड़ी विभिन्न योजनाओं को देखा। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के किए जा रहे प्रयासों की तारीफ की।
अधिकारियों ने सबसे पहले गीदम स्थित डेनेक्स फैक्ट्री का निरीक्षण किया। उन्हें बताया गया कि स्थानीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री की शुरुआत की थी। इस फैक्ट्री में निर्मित कपड़ों को डेनेक्स ब्रांड के नाम से बाजार में बेचा जाता है। जिले में चार फैक्ट्रियों की स्थापना की जा चुकी है, जिनका लक्ष्य लगभग 1,200 परिवारों को रोजगार देना है। यहां अधिकारियों ने कामकाजी महिलाओं से चर्चा कर उनका उत्साहवर्धन किया।
इसके बाद प्रतिनिधि मंडल ने कारली स्थित नक्सल पीड़ित पुनर्वास केंद्र का अवलोकन किया। अधिकारियों को अवगत कराया गया कि लोन वर्राटू (घर वापसी) अभियान के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सली हिंसा से पीड़ित परिवारों को सुरक्षित आवास एवं रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के माध्यम से इन परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है।
प्रतिनिधि मंडल ने एजुकेशन सिटी जावंगा का भी दौरा किया, जहां उन्होंने सक्षम-2 (विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का आवासीय विद्यालय) में छात्रों से बातचीत की और उनकी उपलब्धियों की सराहना की। अधिकारियों को बताया गया कि दृष्टिबाधित छात्रों की पढ़ाई के लिए एनी डिवाइस नामक स्मार्ट लर्निंग टूल उपलब्ध कराया गया है, जो ब्रेल लिपि सीखने और पढ़ने में सहायक है।
इसके अलावा, अधिकारियों ने अश्व संचालन (घुड़सवारी) प्रशिक्षण केंद्र का अवलोकन किया, जहां छात्रों को घुड़सवारी की बारीकियां सिखाई जा रही हैं। इस दौरान छात्रों ने गीत-संगीत की प्रस्तुति भी दी, जिसे सभी ने सराहा।
दल ने नव गुरुकुल संस्था द्वारा छात्रों को दी जा रही निःशुल्क सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कक्षाओं का भी अवलोकन किया। उन्हें बताया गया कि 18 महीने के इस पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को पीईटी, पीएमटी, आईआईटी, जेईई जैसी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करवाई जा रही है। इसके अलावा, छात्रों को इंग्लिश कम्युनिकेशन और लीडरशिप से जुड़े विशेष सत्र भी कराए जा रहे हैं। प्रतिनिधि मंडल ने जिले में शिक्षा, रोजगार, महिला सशक्तिकरण और नक्सल पीड़ितों के पुनर्वास के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और इसे अन्य स्थानों के लिए प्रेरणादायक मॉडल बताया।