CG Mahashivratri Special 2025 : जहां स्वयं प्रकट हुआ था शिवलिंग, हर साल बढ़ता है आकार, शिवरात्रि पर उमड़ा भक्तों का सैलाब…..
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गरियाबंद। आज हर जगह महाशिवरात्रि की धूम है। छत्तीसगढ़ के भी प्रसिद्ध मंदिरों में सुबह से भक्तों का आना-जाना शुरू हो गया है। लेकिन छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में महादेव का एक बेहद खास मंदिर बना हुआ है। राजधानी रायपुर से 90 किमी दूर गरियाबंद के घने जंगलों में बसा है। यहां दूर-दूर से महादेव के भक्त उनकी अराधना करने पहुंचते हैं। इस प्राकृतिक शिवलिंग की खासियत ये है कि इसका आकार प्रतिवर्ष बढ़ रहा है।
मान्यता है कि यह शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ था और हर साल धीरे-धीरे अपने आप बढ़ता है। विज्ञान भी अब तक इस रहस्य को पूरी तरह समझ नहीं पाया है। महाशिवरात्रि के दिन यहाँ हजारों श्रद्धालु पहुँचते हैं और पूरा क्षेत्र भक्ति से गूंज उठता है। इस पवित्र स्थान की मान्यता इतनी गहरी है कि यहाँ आने वाला हर भक्त शिव की कृपा से जीवन की परेशानियों से मुक्त हो जाता है। इस वजह से यह धाम छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक बन गया है।
भुतेश्वरनाथ धाम का उल्लेख कई पुराने ग्रंथों में भी मिलता है। पहले यह स्थान घने जंगलों में छिपा हुआ था, लेकिन जब ग्रामीणों को यह शिवलिंग मिला, तब यह एक छोटे पहाड़ जैसा दिखता था। समय के साथ यह विशाल और अद्भुत प्राकृतिक शिवलिंग बन गया। अब यहाँ देश-विदेश से भक्त दर्शन के लिए आते हैं। खास तौर से शिवरात्रि के मौके पर यहाँ आस्था का सैलाब उमड़ता है।
सावन के महीने में हर साल यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। साथ ही सावन के दौरान प्रत्येक सावन के सोमवार को कांवरिए भगवान को जल चढ़ाने सुबह से आने लगते हैं। इस जगह की मान्यता है कि यहां केवल छत्तीसगढ़ से ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी भक्त पहुंचते हैं। दूर दूर से महादेव के भक्त उनकी अराधना करने पहुंचते हैं। मंदिर के दर्शन के लिए भक्त दूर दूर से यहां पहुंचते हैं। इसलिए उनके लिए रहने व खाने पीने की पूरी व्यवस्था की जाती है।