छत्तीसगढ़

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग छत्तीसगढ़ के संक्षिप्त नोटिफिकेशन से एक लाख ग्रेजुएट इंजीनियर्स का भविष्य अंधकारमय,नियम संशोधन की उठ रही मांग…

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा हाल ही में इलेक्ट्रिकल ,मैकेनिकल ,सिविल इंजीनियरों के 128 पदों में भरती के लिए संक्षिप्त नोटिफिकेशन जारी किया गया है । इस विज्ञापन के जारी होने के पश्चात विगत 3,4 वर्षों से भर्ती का इंतजार कर रहे बी ई ,बी टेक ग्रेजुएट इंजीनियर्स के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है ।

नया भारत डेस्क : लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा हाल ही में इलेक्ट्रिकल ,मैकेनिकल ,सिविल इंजीनियरों के 128 पदों में भरती के लिए संक्षिप्त नोटिफिकेशन जारी किया गया है । इस विज्ञापन के जारी होने के पश्चात विगत 3,4 वर्षों से भर्ती का इंतजार कर रहे बी ई ,बी टेक ग्रेजुएट इंजीनियर्स के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है । नोटिफिकेशन में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के स्थान पर विहित शब्द लिखकर मात्र डिप्लोमा वालों के लिए अवसर दिया जा रहा है तथा ग्रेजुएट इंजीनियर्स को इस भरती से बाहर कर दिया गया है । जिससे ग्रेजुएट इंजीनियर्स में हड़कंप मचा हुआ है ।

प्रभावित बेरोजगार ग्रेजुएट इंजीनियर्स एवं उनके पालकों ने छत्तीसगढ़ शासन से इस संक्षिप्त नोटिफिकेशन में अविलंब संशोधन कर विहित के स्थान पर न्यूनतम शब्द लिखने की मांग की है जो कि इससे पहले जारी नोटिफिकेशन में लिखा जाता था , जिससे रोजगार की राह देख रहे बेरोजगार इंजीनियर्स को भी भर्ती परीक्षा में मौका मिल सके। गौरतलब है कि विगत 24 वर्षों से छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के पश्चात जब भी जूनियर इंजीनियर / सब इंजीनियर्स की भर्ती हुई है उसमें डिप्लोमा इंजीनियर्स एवं ग्रेजुएट इंजीनियर्स दोनों को योग्य मानकर भर्ती की गई है । यह सर्वथा पहला अवसर है कि संक्षिप्त नोटिफिकेशन में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के स्थान पर विहित शब्द लिखकर ग्रेजुएट इंजीनियर्स को बाहर कर दिया जा रहा है। साथ ही इसी विभाग द्वारा 2016 में जारी नोटिफिकेशन में डिप्लोमा तथा डिग्री दोनों इंजीनियर्स को योग्य माना गया तथा तदनुसार भरती भी की गई ।

दूसरी गौर करने योग्य बात है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश के एक इसी तरह के प्रकरण में यह फैसला दिया है कि जूनियर इंजीनियर / भर्ती के लिए ग्रेजुएट इंजीनियर्स को अपात्र नहीं किया जा सकता । माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्णय दिया है कि जूनियर इंजीनियर के लिए उच्च शिक्षा बी ई , बी टेक डिग्री का होनरुकावट नहीं। इस कड़ी में बेरोजगार ग्रेजुएट इंजीनियर्स ने प्रदेश के उपमुख्य मंत्री एवं रोजगार मंत्री विजय शर्मा एवं उपमुख्य मंत्री तथा विभागीय मंत्री अरुण साव से मिलकर अपनी समस्या से अवगत किया है ,नियम में संशोधन की मांग की है साथ ही छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पूर्व में जारी नोटिफिकेशन जिसमे न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता लिखा जाता था तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय पर भी ध्यानाकर्षण किया है ।

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