छत्तीसगढ़

मस्तूरी क्षेत्र में पेय जल की भारी समस्या महिलाएं लम्बी दुरी तय करके ला रही पानी प्रधानमंत्री नल जल योजना जल जीवन मिशन मस्तूरी में पूरी तरह से फेल 80% काम आज भी अधूरा क्या कहती हैं जैतपुरी की महिलाएं जाने पढ़े पूरी खबर

बिलासपुर//विधानसभा में ऐसे दर्जनों गांव है जहां अभी गर्मी शुरू भी नहीं हुआ है और पीने की पानी की भारी समस्या देखी जा रही है तालाब नदी नाले सूख गए हैं नलों से पानी निकलना बंद हो गया है गहरे से गहरा बोरवेल भी जवाब दे दिया है आलम यह है कि लोगों को दूर-दूर से पानी लाना पड़ रहा है इससे सबसे ज्यादा समस्या महिलाओं को उठानी पड़ रही है जो कई किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर है ताजा मामला पचपेड़ी तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत जैतपुरी का हैँ जहां गांव में सिर्फ एक नल से ही पानी निकल रहा है जिसके सहारे लोगों की जिंदगी चल रही है वहां भी कुछ टाइम तक पानी निकलता है और फिर सुख जाता है फिर सुबह कुछ टाइम तक पानी निकलता है और सुख जाता है आलम यह है कि लोगों की लंबी-लंबी लाइन पानी भरने के लिए यहां सुबह-सुबह लगी रहती है इस समस्या को लेकर हमने जब लाइन में खड़ी महिलाओं से बात किया तो उन्होंने बताया कि तालाब पूरी तरह से सूख चुका है और एक ही नल है जिससे पानी निकल रहा है और पूरे गांव वाले इसी नल से पानी ले जा रहे हैं जब हमने प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन के तहत बनने वाले टंकी के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि टंकी बन रहा है पर अभी तक काम पूरा नहीं हुआ है टंकी बन जाएगा तो लोगों की समस्या दूर हो जाएगी करके हम सभी महिलाओं को बहुत उम्मीद थी पर ठेकेदार की लापरवाही की वजह से अभी तक काम अधूरा हैँ वही जब इस मामले में हमने ठेकेदार के सुपरवाइजर आशीष यादव से बात किया तो वह बताते हैं कि काम अभी अधूरा है 2028 तक पूरा होगा ठेकेदार यहां नहीं रहता वह बिलासपुर में रहता है और पूरा काम मैं ही देखता हूं ऐसा सिर्फ जैतपुरी में नहीं है मस्तूरी विधानसभा के 80% गांव में टंकी को बनाकर छोड़ दिया गया है वह सिर्फ गांव की शोभा बढ़ा रही है पीएचई ऑफिस में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से यह पूरा खेल हो रहा है कई सालों से अधूरे पड़े इन पानी टंकियां को क्यों छोड़ दिया गया ना ठेकेदार इस मामले को लेकर सीरियस है और ना ही पीएचई विभाग के अधिकारी जिसकी खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है आपको बताते चले कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2019 को लाल किले से जल जीवन मिशन की घोषणा की थी, जिसे 2024 तक देश के सभी ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन देने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर लागू किया जा रहा है। पर ये योजना सिर्फ कागजों में ही लिपट कर रह गया हैँ अब इंतजार सिर्फ इस बात कि हैँ की कब ये पूरी तरह से कम्प्लीट होगा और कब लोगों की समस्या दूर होंगी क्योंकि लोगों के गांव में घरों में नल तो बनाकर छोड़ दिया गया पर कहीं पाइपलाइन नहीं पीछे कहीं पानी टंकी तक नहीं पहुंच रहा है कहीं टंकी अधूरी पड़ी हुई है तो कहीं ठेकेदार भाग गया है पर इन सभी समस्याओं से पब्लिक को जूझना पड़ रहा है इन सभी की लापरवाही की वजह से पूरे छत्तीसगढ़ में ग्रामीण परेशान है और अधिकारी भी इनकों संरक्षण दे रहे हैं जिसके वजह से यह इतनी बड़ी लापरवाही को अंजाम दे रहे हैं।

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