छत्तीसगढ़

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ग्राम पंचायत तितरवंड में धुमधाम के साथ मनाया गया आम उत्सव

फरसगांव/विश्रामपुरी। कोंडागांव जिले के विकासखंड बड़ेराजपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत तितरवंड जंगलों के बीचोंबीच स्थित माई भंडारीन गुड़ी में 6 अप्रैल को मरका पंडूम ( आमा जोगानी) त्यौहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया ग्रामीणों के द्वारा खुशी का जाहिर करते हुए नृत्य करते हुए दिखाई दिए जानकारी के अनुसार हर साल तितरवंड का पारम्परिक वार्षिक देव मेला के दुसरे दिन यहां उत्सव मनाया जाता है जिसमें आसपास के ग्रामीणों ने इस कार्यक्रम को बड़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

यह आदिवासियों का यह मरका पंडुम उत्सव हर साल मनाया जाता है। जिला मुख्यालय से शुरू होकर यह ब्लॉक स्तरीय फिर हर गांवों में मरका पंडुम का उत्सव मनाया जाता है।

ग्रामीणों का कहना है कि हमारे पुरखों ने प्रकृति मे मानव जीवन को सुखमय जीवन जीने के लिए मौसम आधारीत आने वाले फल, फूल, पेड़ पौधे आदि को प्रकृति में अनंत समय तक बनाये रखने के लिए पूर्वजो द्वारा अर्जित ज्ञान के मद्देनजर मरका पंडुम (आम उत्सव) को मना कर आने वाली नई पीढ़ी को एक शिक्षा दी जाती है ताकि वो प्राकृतिक के संतुलन को बनाए रखे। प्रकृति का उत्सव मनाने के लिए आदिवासी अलग-अलग पर्व मनाते हैं, उसी में से एक पर्व है ‘मरका पंडुम’।

इस पर्व में हजारों आदिवासी एक जगह पर इकट्ठा होकर उत्सव मनाते हैं। आदिवासियों का आम को लेकर मनाए जाने वाला उत्सव आदिवासी संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, स्थानीय गोंडी भाषा में इसे “मरका पंडुम” के नाम से जाना जाता है, गोंडी भाषा मे मरका का अर्थ आम होता है और पंडुम का अर्थ त्यौहार या उत्सव होता है। इसीलिए जब नए आम का फसल आता है तो आदिवासी उसे अपने देवी-देवताओं को चढ़ा कर नए आम का फल खाने की अनुमति मांगते हैं। के ग्रामीण इकट्ठा होते है और यह उत्सव मनाया जाता है। जिसमें ग्राम के गायता पटेल पुजारी युवा एवं ग्राम से आएं हुए देवी देवताओं ने भी शिरकत किए।

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