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बिलासपुर//मस्तूरी के कर्रा में हुए दुर्घटना जिसमे उमेश कश्यप की मौत बिजली की चपेट में आने से कुछ दिन पहले हुई थी जिसका अब असल कारण सामने आया हैँ दरसल ये पूरा मामला ट्रांसफार्मर रिपेयर से जुडा हुआ था गाँव के सरपंच सलाहकार बिट्टू कौशिक नें हमसे बात करते हुए बताया की उन्होंने बिजली की समस्या दुरुस्त कराने के लिए जे ई आकाश पाण्डेय कों कॉल किया था और बताया था की तीन दिनों से लाइट नहीं होनें के कारण लोगों कों पिने की पानी नहीं मिल पा रहा हैँ तब आकाश पाण्डेय नें कहा था की मलिंगा कों बोल देता हूं वो देख लेगा तब बिट्टू कौशिक नें कहा की कैसे भी उसको बनवाओ सर कर के उसके बाद जे ई आकाश पाण्डेय नें खुद ही मलिंगा नामक ब्यक्ति कों कॉल कर कॉन्फ्रेंस में लिया और तीनो मिल कर कॉन्फ्रेंस में बात करते हैँ फिर जे ई आकाश पाण्डेय नें कहा की मलिंगा उसको देख लेना तब मलिंगा बोला सर मेरे पास आदमी नहीं हैँ तो बिट्टू बोला गाँव वाले मदद करेंगे उसके बाद मलिंगा नामक ब्यक्ति बोलता हैँ की सर जी केबल लगेगा तो जे ई आकाश पाण्डेय बोलता हैँ दिमाग़ लगाओ अच्छे से सोचो कही से मिल जाएगा फिर बना देना उसके बाद कुछ सामान इक्युपमेंट की बात होती हैँ तो जे ई आकाश पाण्डेय नें कहा की जो सामान लगेगा वो कौशिक जी दे देना तब बिट्टू कौशिक नें हामी भरी

क्या थी समस्या?

तीन दिनों से बंजर पारा कर्रा में बिजली की समस्या थी जिसको लेकर त्राहिमाम मचा हुआ था लाइट नहीं होनें के कारण पानी भी नहीं मिल रहा था तो ग्रामीणों नें सरपंच कों बताया और सरपंच नें बिजली विभाग के अधिकारी कों तब चेक करने पर पता चला की ट्रांसफार्मर ही अंदर प्रॉब्लम हैँ जिसके बाद तीन दिनों तक काम चला और जिस दिन उमेश की मौत हुई उस दिन पूरा काम हो गया था बस डियो चढ़ा कर लाइट सप्लाई ऑन करना था पर ऑफिस में बैठे ऑपरेटर मदन साहू कों कॉल कर लाइट बंद करने बोला और मलिंगा लाइन में ही था जिसने फ़ोन उठाया वो भी लाइन में ही था पर मलिंगा फ़ोन में बात कर रहा था जिसके कारण उमेश खुद उसके जगह ऊपर चढ़ा पर लाइट चालू होनें की वजह से वो चिपक गया तब मलिंगा चिल्ला कर बोला चिपक रहा हैँ फिर ऑफिस में जो था जिसने फ़ोन उठाया था वो दौड़कर ए वी स्विच कों काटने दौड़ा तब तक उमेश कश्यप निचे गिर गया था अब जरा सोचिये ना वहां कोई विद्युत विभाग का परमानेंट कर्मचारी था ना कोई सेफ्टी किट्स फिर कैसे जे ई आकाश पाण्डेय उनको काम करने भेज सकता हैँ हमारे पास उस दिन की पूरी कॉल रिकॉर्डिंग हैँ जिसमे जे ई आकाश पाण्डेय ये आदेश दे रहें हैँ की जाओ आप लाइन कों दुरुस्त कर आओ तो सवाल ये हैँ की ऐसे बड़े मामलें में सिर्फ ऑपरेटर के नाम ही क्यों एफ आई आर कराया गया क्यों सिर्फ उसको बली का बकरा बनाया जा रहा हैँ क्या जिसनें वहां जा कर लाइन बनानें का आदेश दिया वो भी बिना किसी जिम्मेदार कर्मचारी के बिना सेफ्टी टूल्स के क्या जे ई आकाश पाण्डेय कों पता नहीं हैँ विभाग का नियम जो किसी कों भी भेज दे रहें हैँ मारने के लिए चालू लाइट में काम करने जो काम कर रहा था लड़का अप्रक्षित था जिस मलिंगा कों ये वहां मुख्य कर्मचारी बना के भेजें थे उनको भी ये अधिकार नहीं हैँ की वो पोल पर चढ़ कर काम करें क्यों की वो भी ठेकेदार का कर्मचारी हैँ अगर जे ई कों नियम पता होता तो ना वो चढ़ते ना उसकी मौत होती और एक बात जिसको जान कर आपको हैरानी होंगी की जिस कोनी फीडर के कर्रा बंजर पारा में उमेश की चिपक कर मौत हुई उधर का इंचार्ज अमित सोनी हैँ जो मौके पर ही नहीं था अब सोचिए आकाश पाण्डेय सब कुछ जान रहें थे फिर भी इतनी लापरवाही इनके द्वारा किया गया तो क्या इनके ऊपर एफ आई आर नहीं होनी चाहिए?

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