Bihar Tourism: पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा पटना शहर, जानिए कितने करोड़ ख़र्च करेगी सरकार, क्या -क्या मिलेंगी सुविधा?

बिहार: पटना में गंगा तट एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बनने जा रहा है। इस बदलाव के तहत 387.40 करोड़ रुपये के बजट से जेपी गंगा पथ समग्र उद्यान बनाया जाएगा। इस परियोजना का लक्ष्य 49.7 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करना है और इसमें एक लाख पेड़-पौधे लगाना शामिल है। इसे दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य के सड़क निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह पहल पटना के सतत विकास और सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी। बिहार राज्य सड़क निर्माण निगम लिमिटेड ने “जेपी गंगा पथ समग्र उद्यान (चरण-1) परियोजना” के लिए पहले ही निविदाएं आमंत्रित कर दी हैं। यह योजना 21 फरवरी को प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा का हिस्सा थी।
गंगा तट के लिए विकास योजनाएँ: इस परियोजना में रिवरफ्रंट, वनस्पति उद्यान, तितली उद्यान, फूड कोर्ट, शहरी महिला बाजार, फुटपाथ, साइकिल ट्रैक और व्यापक पार्किंग सुविधाएं शामिल होंगी। उल्लेखनीय रूप से 90% क्षेत्र हरा-भरा और खुला रहेगा, जिससे पटना की हरियाली बढ़ेगी और पर्यावरण संतुलन में मदद मिलेगी।
27 नक्षत्रों पर आधारित एक वनस्पति उद्यान 8 हेक्टेयर में फैला होगा, जिसकी थीम पारंपरिक खगोल विज्ञान पर आधारित होगी। तितली उद्यान का उद्देश्य बच्चों और पर्यटकों को प्रकृति से जोड़ना है। इसके अतिरिक्त, गंगा के किनारे 6 किलोमीटर का पैदल मार्ग आगंतुकों के लिए सुरक्षित पैदल चलने की जगह प्रदान करेगा।
बुनियादी ढांचा और पहुंच: 4,000 चार पहिया वाहनों और 13,000 दो पहिया वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा की योजना बनाई गई है। यह परियोजना दीघा से गांधी मैदान तक गंगा पथ के दोनों ओर लगभग 7 किलोमीटर तक फैली हुई है। कुल 49.7 हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी अनुमानित लागत 387.40 करोड़ रुपये है।
नितिन नवीन ने इस बात पर जोर दिया कि मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप समय पर काम पूरा करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। विभाग की प्रतिबद्धता इस बात से स्पष्ट है कि दो महीने के भीतर टेंडर जारी कर दिए गए। टेंडर दस्तावेज 27 अप्रैल से 26 मई तक दोपहर 3 बजे तक ऑनलाइन देखे जा सकते हैं।
निविदा प्रक्रिया और गुणवत्ता आश्वासन: एजेंसी का चयन प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के तहत किया जाएगा, जिसमें काम की गुणवत्ता और समयसीमा के पालन पर ध्यान दिया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि पटना में सांस्कृतिक विस्तार भी करना है। यह विकास कार्य पटना को एक जीवंत पर्यटन केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, साथ ही गंगा तट पर व्यापक हरित क्षेत्रों के माध्यम से पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देगा।